मध्य प्रदेश सरकार का नया नियम; प्राइवेट अस्पतालों में जांच-ट्रीटमेंट की रेट लिस्ट लगाना अनिवार्य
MP Govt New Rule Private Hospitals: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार की तरफ से प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम्स को लेकर नए नियम बनाए गए हैं। नए नियमों के अनुसार अब राज्य के सभी प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम्स को अपने कैम्पस में सार्वजनिक तौर पर इलाज और जांच की फीस की रेट लिस्ट लगानी होगी। यह प्रदेश के सभी प्राइवेट अस्पतालों के लिए अनिवार्य है। अगर कोई अस्पताल ऐसा नहीं करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसको लेकर स्वास्थ्य कमिश्नर तरूण राठी ने सभी जिलों के सीएमएचओ (CMHO) को आदेश भी जारी कर दिए हैं।
आयुक्त, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा श्री तरुण राठी ने प्रदेश के सभी निजी चिकित्सालयों (नर्सिंग होम) को निर्देश दिए हैं कि वे अपने अस्पताल में प्रदायित सभी चिकित्सकीय सेवाओं की दर सूची (रेट लिस्ट) प्रमुखता से प्रदर्शित करें।
— Public Health & Medical Education Department, MP (@healthminmp) December 3, 2024
रेट लिस्ट लगाना अनिवार्य
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त तरुण राठी द्वारा जारी किए गए आदेश में साफ-साफ कहा गया है कि प्रदेश के सभी प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम्स को निर्देश दिया जाता है कि वे अपने अस्पताल में एक स्लीप लगाएंगे। इस स्लीप में अस्पतालों को अपने मेडिकल सर्विस की रेट लिस्ट को प्रदर्शित करना होगा। सभी प्राइवेट अस्पतालों के काउंटर पर रेट लिस्ट लगाना अनिवार्य है। अस्पताल प्रबंधन का यह दायित्व है कि वे रोगी या उनके परिवार की तरफ से मांग करने पर रेट लिस्ट को दिखाएं।
रेट लिस्ट में बदलाव के नियम
इसके अलावा, अगर किसी अस्पताल को रेट लिस्ट में बदलाव करना है, तो उन्हें इसकी लिखित जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) को देना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही, बदली गई रेट लिस्ट को भी प्रमुखता से प्रदर्शित करना होगा। यह कदम सरकारी स्तर पर एक और कोशिश है, जिसका उद्देश्य मरीजों के अधिकारों की रक्षा करना और मेडिकल सर्विस में ट्रांसपेरेंसी लाना है।
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CMHO को मिली बड़ी जिम्मेदारी
स्वास्थ्य-चिकित्सा शिक्षा आयुक्त तरुण राठी ने कहा कि अगर किसी अस्पताल ने रेट लिस्ट के अलावा मरीज से अलग से किसी तरह की फीस वसूली, तो इसे नियमों का उल्लंघन माना जाएगा। इस तरह की मनमानी फीस वसूलने के मामलों की रोकथाम के लिए विभाग ने CMHO को अस्पतालों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही विभाग ने CMHO को जिले में नियमों के पालन कराने का भी निर्देश दिया है।