क्यों नहीं रद्द हुई अक्षय कांति बम के कॉलेज की मान्यता?, MP के उच्च शिक्षा मंत्री ने दिया जवाब
MP Higher Education Minister Inder Singh Parmar: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर सांसदी का पर्चा भरकर आखिरी समय में अपना नाम वापस लेकर खेल बदलने वाले अक्षय कांति बम एक बार फिर सुर्खियों में हैं। दरअसल MBA फर्स्ट ईयर पेपर लीक मामले में अक्षय कांति बम के आइडलिक कॉलेज पर विश्वविद्यालय ने 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही संघवी कॉलेज पर भी प्रशासन द्वारा कड़ी कार्रवाई की गई है। अब इन दोनों कॉलेज को 3 साल तक एग्जाम सेंटर नहीं बनाया जाएगा। हालांकि इस फैसले को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि अखिर अक्षय कांती बम के कॉलेज की मान्यता रद्द क्यों नहीं की गई। अब इस मामले पर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का बड़ा बयान सामने आया है।
क्या बोले उच्च शिक्षा मंत्री?
उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बताया कि आखिर क्यों अक्षय कांती बम के कॉलेज पर सिर्फ जुर्माना लगाया और मान्यता रद्द नहीं गई। उच्च शिक्षा मंत्री परमार ने कहा कि अभी इस मामले की व्यापक जांच होगी। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जा सकती है। इसके साथ ही मंत्री परमार ने NEET परीक्षा के मामले में छात्रों के सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने को लेकर कहा कि यदि कुछ गलत हुआ है तो उसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
यह भी पढ़ें: World Ranking में शामिल हुए MP के स्कूल, 2 को मिला अवॉर्ड, जानिए क्या बोले CM मोहन यादव
13 हजार छात्रों को देनी पड़ी दोबारा से परीक्षा
बता दें कि अक्षय कांति बम के आइडलिक कॉलेज से MBA फर्स्ट ईयर के पेपर लीक हो गए थे। इसकी वजह से करीब 13 हजार MBA छात्रों को दोबारा से परीक्षा देनी पड़ी थी। इस मामले की जांच हुई, जिसमें कॉलेज की कमियां सामने आईं। इसके बाद बुधवार को देवी अहिल्या विवि कार्यपरिषद की बैठक में MBA पेपर लीक का मुद्दा उठाया गया है। लंबी चर्चा के बाद कॉलेज पर 5 लाख का जुर्माना लगाया गया। साथ ही कॉलेज को 3 साल तक किसी परीक्षा का केंद्र बनाने पर भी रोक लगाई गई।