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पतंजलि योगपीठ में होना था मां का इलाज... हो गया 85 हजार का फ्रॉड, फर्जी नंबर के जाल में फंसा कारोबारी

Online Money Fraud With Businessman: हाल ही में ऑनलाइन फ्रॉड का एक और मामला सामने आया। जिसमें एक बिजनेसमैन को मां के इलाज के लिए ऑनलाइन पेमेंट करने पर 85 हजार का चूना लग गया। वह अपनी मां का इलाज पतंजलि योगपीठ में करवाना चाहता था। फर्जी नंबर पर कॉन्टेक्ट करने से उसके साथ यह धोखाधड़ी हो गई।
05:12 PM Apr 27, 2024 IST | Prerna Joshi
पतंजलि योगपीठ में होना था मां का इलाज    हो गया 85 हजार का फ्रॉड  फर्जी नंबर के जाल में फंसा कारोबारी
Online Money Fraud With Businessman On Patanjali Yogpeeth Name

Online Money Fraud: जैसे-जैसे लोग डिजिटल लाइफ अपना रहे हैं वैसे ही ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले भी काफी सुनने में आ रहे हैं। आए दिन अनजान नंबरों से स्कैमर्स लाखों रुपये का घोटाला कर देते हैं और आम आदमी की सारी बचत एक झटके में खाली हो जाती है। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के इंदौर के पास उज्जैन से सामने आया। जहां एक कारोबारी के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी हो गई है। पूरे मामले में फरियादी द्वारा साइबर क्राइम ब्रांच को शिकायती आवेदन दिया गया है। उन्होंने मां के इलाज के लिए ऑनलाइन नंबर के आधार पर 85 हजार रुपये का पेमेंट किया था जो कि उन्हें लौटाया भी नहीं गया और मां का इलाज भी नहीं हो पाया।

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लोगों ने दी थी पतंजलि योगपीठ में इलाज की सलाह

दरअसल, पूरे मामले में फरियादी यशवंत खंडेलवाल का कहना है कि उनकी मां को शारीरिक बीमारी थी और उनके इलाज के लिए उन्होंने कई लोगों से संपर्क भी किया था। लोगों का कहना था कि पतंजलि पीठ में काफी बेहतर इलाज होता है और इस मंशा को लेकर उन्होंने नंबर ऑनलाइन गूगल पर सर्च किया और नंबर के साइड में उन्हें एक वेबसाइट भी मिली जिस पर उन्होंने संपर्क किया। दो से तीन बार ट्रांजेक्शन ऑनलाइन बारकोड के माध्यम से किया गया जिसमें कुल 85,000 रुपये की धोखाधड़ी हो गई।

जांच में जुटी साइबर क्राइम ब्रांच

जब उन्होंने आखिरी बार के ट्रांजेक्शन में 24,000 रुपए ट्रांसफर किए और किसी तरह का रिस्पांस नहीं मिला तो उन्होंने पूरे मामले में ऑनलाइन पतंजलि के नाम से मिली रसीद और तमाम डॉक्यूमेंट्स के आधार पर साइबर क्राइम ब्रांच में शिकायत की है। साइबर क्राइम द्वारा नंबर के आधार पर जांच पड़ताल की जा रही है। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि ऑनलाइन मिलने वाले नंबरों की जब तक वेरिफिकेशन ना हो तब तक किसी तरह का ऑनलाइन ट्रांजेक्शन नहीं करना चाहिए।

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