होमखेलवीडियोधर्म मनोरंजन..गैजेट्सदेश
प्रदेश | हिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारदिल्लीपंजाबझारखंडछत्तीसगढ़गुजरातउत्तर प्रदेश / उत्तराखंड
ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थExplainerFact CheckOpinionनॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

'हमारे हिस्से की 10 प्रतिशत सीटें माइनोरिटी को...', अजित पवार के बयान के क्या है सियासी मायने

Ajit Pawar on Minorities Seats: एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने कहा कि हम हमारे कोटे की 10 प्रतिशत सीटें अल्पसंख्यकों को देंगे। उन्होंने कहा कि हम युवाओं को साथ लेंगे क्योंकि मैं सभी धर्म और जातियों को मानने वाला व्यक्ति हूं।
12:49 PM Oct 03, 2024 IST | Rakesh Choudhary
Ajit Pawar on Minorities Seats
Advertisement

Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र में इसी साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव विभाग अगले कुछ दिनों में तारीखों का ऐलान कर सकता है। इस बीच महाअघाड़ी और महायुति लगातार सीट शेयरिंग को बैठक कर रहे हैं। महायुति के अजित पवार के बयान से महाराष्ट्र की सियासत में खलबली मच गई है। उन्होंने कहा कि हमारे हिस्से में आने वाले सीटों की 10 प्रतिशत सीटें हम अल्पसंख्यक समाज को देंगे।

Advertisement

अजित पवार ने कहा कि मैं सभी धर्म और जातियों को मानने वाला व्यक्ति हूं। उन्होंने कहा कि कुछ सीटों पर धनुष बाण का निशान होगा तो कुछ पर कमल और कुछ पर घड़ी होगी। महायुति में चुनाव के ये 3 ही निशान हैं। हम सभी ने अभी सीटों का बंटवारा नहीं किया है, लेकिन वो होगा तो हमारा विधायक ही। जहां हमारा विधायक है वहां से हम ही चुनाव लड़ेंगे। आप चिंता न करें।

युवा वर्ग को हम विश्वास में लेंगे

एनसीपी प्रमुख ने कहा कि जिन लोगों ने हजारों वर्षों तक पार्टी के लिए काम किया उन्हें विश्वास में लिया जाएगा। युवा वर्ग को हम विश्वास में लेंगे। बाबा साहेब का संविधान सभी के लिए एक समान है। मैं सभी जाति और धर्म को मानने वाला हूं। उनके इस बयान पर विपक्षी दलों ने भी निशाना साधा है। सपा नेता अबू काजमी ने कहा कि यह उनका असली चेहरा है या नकली चेहरा। उन्होंने कहा कि मुस्लिम उनको वोट नहीं देगा क्योंकि वे बीजेपी के साथ हैं।

विपक्ष ने साधा निशाना

वहीं एनसीपी शरद पवार के जितेंद्र आव्हाण ने कहा कि वे लोग भूल गए है कि वो आजकल किसके साथ खड़े हैं। उनका साथी कौन है ये सभी को मालूम है। बीजेपी के साथ रहने से सेक्यूलर लोग अजित पवार के साथ नहीं खड़े होंगे।

Advertisement

अजित पवार पिछले साल अपने समर्थक विधायकों के साथ सरकार में शामिल हो गए थे। इतना ही नहीं उन्होंने अधिकतर विधायकों के साथ होने से पार्टी पर भी दावा ठोंक दिया। ऐसे में पार्टी पर भी उनका अधिकार स्थापित हो गया। ऐसे में वेे अब अल्पसंख्यकों वोटर्स को अपनी ओर करने के लिए यह ऐलान कर रहे हैं। आइये जानते हैं उनके बयान के सियासी मायने।

ये भी पढ़ेंः पूर्व मंत्री बृजबिहारी हत्या मामले में मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को उम्रकैद, पूर्व MP सूरजभान सिंह समेत 6 बरी

1.अजित पवार लोकसभा चुनाव से पहले शिंदे बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार में शामिल हुए। इससे जनता के मन में उनके प्रति जबरदस्त नाराजगी थी क्योंकि उन्होंने चाचा शरद पवार की पार्टी को तोड़ दिया था।

2.लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली। जबकि उनके चाचा शरद पवार की पार्टी ने 10 में 8 सीटों पर जीत दर्ज की। यानि सहानुभूति लहर का फायदा शरद पवार को मिला।

3.सहानुभूति फैक्टर का साथ मिलने से पार्टी का काडर वोट घड़ी के बजाय शरद पवार के साथ चला गया।

4.पार्टी का मूल वोटर्स मुस्लिम और मराठा है। उनमें भी अधिकांश किसान एनसीपी को सपोर्ट करता था, लेकिन अजित को लगा कि मुस्लिमों ने इस चुनाव में चाचा शरद को वोट दिया, इसलिए उन्होंने 10 प्रतिशत सीटें देने का दांव चला है।

ये भी पढ़ेंः सद्गुरु के ईशा फाउंडेशन को सुप्रीम कोर्ट से राहत, मद्रास हाईकोर्ट के आदेश पर लगी रोक

5.हालांकि अजित पवार ये बात भी जानते हैं कि सरकार में बीजेपी के साथ रहने से मुस्लिम वोटर्स का झुकाव चाचा की तरह चला जाएगा। ऐसे में अजित इसको लेकर अभी भी आशंकित हैं।

Open in App
Advertisement
Tags :
Ajit PawarMaharashtra Assembly Election 2024MinoritiesNCP
Advertisement
Advertisement