Chhagan Bhujbal जॉइन करेंगे भाजपा! दोनों को एक दूजे से क्या होंगे फायदे?
Chhagan Bhujbal May Join BJP: महाराष्ट्र की राजनीति के दिग्गज नेता छगन भुजबल ने अजीत पवार और उनकी पार्टी से नाराज हैं। महाराष्ट्र कैबिनेट का गठन होने के बाद से ही वे विरोधी सुर अपनाए हुए हैं। बीते दिन उन्होंने अपने समर्थकों के साथ नासिक में शक्ति प्रदर्शन किया और उनसे अपने अगले रूख को लेकर बातचीत की। छगन भुजबल ने अजीत पवार और उनकी पार्टी पर जुबानी हमला बरक़रार रखा है।
अब चर्चा चल रही है कि भुजबल अजीत पवार का साथ छोड़कर भाजपा में जाएंगे। भुजबल OBC का बड़ा चेहरा है और उन्हें मंत्री नहीं बनाए जाने से उनके समर्थक गुस्से में हैं। उनके कुछ समर्थकों ने भाजपा के साथ जाने की मांग भी उठाई है। भुजबल पहले शिवसैनिक थे, बाद में कांग्रेसी बने और उसके बाद NCP में गए। शरद पवार का साथ छोड़कर अजीत पवार के कुनबे में शामिल हुए और अब वे भाजपा जॉइन करने जा रहे हैं।
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भुजबल के आने से भाजपा को मिलेगा बल
मराठा आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल जब देवेंद्र फड़णवीस पर निशाना साधते रहे, तब पाटिल के पलटकर जवाब देने में भी भुजबल हमेशा आगे रहते थे। इसलिए भाजपा को लगता है कि भुजबल आए तो उनको फायदा जरूर होगा। वहीं छगन भुजबल OBC का के बड़े नेता हैं और अगर वे भाजपा के साथ आते हैं तो OBC समाज में भाजपा की पकड़ और मजबूत होगी। अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव होंगे। क्योंकि बिहार के OBC वोटर्स में भुजबल की पकड़ है तो इसका भी फायदा भाजपा को होगा
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भुजबल का कैसे होगा पुनर्वसन?
दूसरी ओर, अगर भुजबल भाजपा में आते हैं तो उनका पुनर्वसन कैसे होगा? सियासी गलियारों में चर्चा है कि महाराष्ट्र की कैबिनेट में एक मंत्री का पद खाली है तो भाजपा की ओर से उन्हें मंत्री बनाया जा सकता है। भुजबल येवला विधानसभा सीट से विधायक हैं। उन्हें इस्तीफा देकर दोबारा चुनाव जीतना होगा या फिर भुजबल को केंद्र में मंत्री या फिर राज्यसभा भेजा जा सकता है।
भुजबल की फडणवीस से नजदीकी
छगन भुजबल और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस में पहले से ही नजदीकियां हैं। OBC के मुद्दे पर कई बार फडणवीस ने भुजबल से सलाह ली है। जिन OBC के मुद्दे पर भुजबल आवाज उठाते हैं, उन मुद्दों को समझकर उन पर निर्णय लेने की क्षमता फडणवीस में है, यह भुजबल पहले ही कह चुके हैं।
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