'एकनाथ शिंदे भावुक स्वभाव के हैं' महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने क्यों कही ये बात? अजित पवार को बताया 'प्रैक्टिकल'
Devendra Fadnavis statement on Eknath Shinde: देवेन्द्र फडणवीस ने गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जबकि एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। शपथ लेने से पहले मीडिया में चर्चा थी कि एकनाथ शिंदे नई सरकार में अपनी जिम्मेदारियों से संतुष्ट नहीं हैं और वह नाराज हैं।
शुक्रवार को देवेन्द्र फडणवीस ने इस मुद्दे पर खुलकर बात की। मीडिया को दिए बयान में उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम एकनाथ शिंदे नाराज नहीं हैं। उन्होंने उन आरोपों को भी सिरे से खारिज कर दिया कि शिंदे की नाराजगी के कारण ही सरकार गठन में अत्यधिक देरी हो रही है। देवेन्द्र फडणवीस ने स्पष्ट कहा कि एकनाथ शिंदे थोड़े भावुक स्वभाव के हैं, जबकि अजित पवार राजनीतिक में उनसे अधिक व्यावहारिक नजरिया रखते हैं। मैं दोनों से जुड़ा हुआ हूं।
CM Devendra Fadnavis:
"Hindutva & Development are two faces of the same coin. It is a way of Life, without Exclusion.~ Indian Muslims follow a different praying style but They have not come from ARAB. These are our HINDU BROTHERS of the past"🔥😭
Bro is wilding from Day 1😂👌 pic.twitter.com/cmr3XkfBMh
— The Analyzer (News Updates🗞️) (@Indian_Analyzer) December 6, 2024
सरकार गठन में नहीं हुई कोई ज्यादा देरी
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महायुति गठबंधन सरकार ने अपने पिछले ढाई साल के कार्यकाल में कई उतार-चढ़ाव देखें हैं। जिसमें एकनाथ शिंदे, अजित पवार समेत सभी राजनेता और पार्टी साथ खड़े रहे और आगे भी साथ काम करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार गठन में कोई बहुत ज्यादा देरी नहीं हुई।
कुछ लोग चाहते थे कि एकनाथ शिंदे समन्वय समिति के अध्यक्ष बनें
सीएम ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि एकनाथ शिंदे किसी मुद्दे पर नाराज हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक में एक गुट जरूर चाहता था कि शिंदे समन्वय समिति के अध्यक्ष बनें। दिल्ली में हमारी बैठक के दौरान उन्होंने (एकनाथ शिंदे) माना था कि चूंकि भाजपा के पास ज़्यादा विधायक हैं, इसलिए मुख्यमंत्री पार्टी से ही होना चाहिए।
हिंदुत्व और विकास एक ही सिक्के के दो पहलू हैं
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हिंदुत्व और विकास एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। भारतीय मुसलमान एक अलग प्रार्थना शैली का पालन करते हैं, लेकिन वे अरब से नहीं आए हैं। ये हमारे अतीत के हिंदू भाई हैं। बता दें इससे पहले शुक्रवार को शिवसेना नेता उदय सामंत ने कहा कि एकनाथ शिंदे नई महाराष्ट्र सरकार में शामिल नहीं होना चाहते थे और इसकी बजाय अपनी पार्टी को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहते थे। लेकिन शिवसेना प्रमुख पार्टी नेताओं की मांग के कारण नरम पड़ गए हैं।
ये भी पढ़ें: क्यों अनुपम उदाहरण बन गया Maharashtra CM का शपथ ग्रहण समारोह? मन को छू गई ये पहल