देवेंद्र फडणवीस की सुरक्षा बढ़ाई गई! इंटेलिजेंस रिपोर्ट के बाद सरकार का फैसला, घर के बाहर तैनात किए गए कमांडो
Devendra Fadnavis News: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की सुरक्षा में इजाफा किया गया है। इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के बाद सरकार ने सुरक्षा बढ़ाने का फैसला लिया है। खुफिया रिपोर्ट में फडणवीस के लिए खतरे की आशंका जताई गई थी। ऐसे में सरकार ने फोर्स वन के 10 से 12 कमांडो अतिरिक्त तौर पर तैनात करने का फैसला लिया है। इन कमांडो को फडणवीस के नागपुर स्थित घर के बाहर तैनात किया गया है।
Nagpur | On BJP rebels, Maharashtra Deputy CM Devendra Fadnavis says "They (rebels) are also our own people, it is our duty to make them understand, sometimes there is a lot of anger but they have formed their mindset in the larger interest of the party, I am confident that we… pic.twitter.com/7hyNHDZ0kH
— ANI (@ANI) November 1, 2024
बता दें कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर एकनाथ शिंदे, अजीत पवार और बीजेपी के गठबंधन की अगुवाई देवेंद्र फडणवीस कर रहे हैं। बीजेपी को महाराष्ट्र चुनाव में बागियों की चुनौती का भी सामना करना पड़ रहा है। इस मुद्दे पर फडणवीस ने कहा कि बागी लोग भी हमारे ही हैं। उन्हें समझाना हमारा काम है। बहुत बार होता है कि आपके दिमाग में बहुत गुस्सा होता है, लेकिन उनका मनोभाव पार्टी के हित में है। फडणवीस ने उम्मीद जताई कि बीजेपी अपने बागियों को समझाने में सफल रहेगी।
#WATCH | Shiv Sena (UBT) leader Priyanka Chaturvedi says, "The BJP had protested against Nawab Malik and Devendra Fadnavis had written to Ajit Pawar against including Malik in the party's legislative body and also not give election ticket to him...Now, the election form has been… pic.twitter.com/ywKEuc0WWe
— ANI (@ANI) November 1, 2024
उधर शिवाजी मानखुर्द सीट पर एनसीपी के उम्मीदवार नवाब मलिक को लेकर भी बीजेपी में बवाल मचा हुआ है। पार्टी ने कह दिया है कि वह नवाब मलिक का प्रचार नहीं करेगी। ऐसे में उद्धव सेना की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि बीजेपी ने नवाब मलिक की उम्मीदवारी का विरोध किया था। फडणवीस ने अजीत पवार को पत्र लिखा था और टिकट न देने के लिए कहा था। लेकिन अब अजीत पवार ने नवाब मलिक को टिकट दे दिया है। बीजेपी नेता आशीष शेलार कहते हैं कि वे मलिक की उम्मीदवारी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन उनके लिए प्रचार नहीं करेंगे। ये बताता है कि बीजेपी की कथनी और करनी में क्या अंतर है।