हरियाणा के नतीजों से सबक लेकर महाराष्ट्र में उतरेगी कांग्रेस, वर्करों के लिए जारी किए ये 3 निर्देश
Maharashtra Assembly Election: कांग्रेस को हरियाणा में उम्मीदों के मुताबिक नतीजे नहीं मिले थे। पार्टी को लग रहा था कि सरकार बन जाएगी, लेकिन हरियाणा की जनता ने तीसरी बार बीजेपी को अपना समर्थन दिया। जिसके बाद अब कांग्रेस महाराष्ट्र में फूंक-फूंककर कदम रख रही है। हरियाणा की हार से सबक लेते हुए कांग्रेस ने महाराष्ट्र के लिए खास रणनीति बनाई है। कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने महाराष्ट्र के नेताओं को बैठक कर विशेष हिदायत दी है। कांग्रेस किसी भी सूरत में हरियाणा की गलतियां नहीं दोहराना चाहती। कांग्रेस नेतृत्व हार से सतर्क हो चुका है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर हुई बैठक में महाराष्ट्र के कई नेता शामिल हुए। बैठक के दौरान राहुल गांधी और दूसरे केंद्रीय नेता भी मौजूद रहे।
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केंद्रीय नेतृत्व ने निर्देश दिया है कि पार्टी में किसी प्रकार की गुटबाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। महाराष्ट्र को किसी भी सूरत में हरियाणा जैसा नहीं बनाना है। महाराष्ट्र में मराठा और ओबीसी के बीच संघर्ष की स्थिति बन रही है। इसका असर पार्टी पर न पड़े, केंद्रीय नेतृत्व इसको लेकर अलर्ट मोड पर है। एक रिपोर्ट के अनुसार पार्टी ने कहा है कि मराठा और ओबीसी के बीच समन्वय बनाकर चलें। हर कीमत पर महा विकास अघाड़ी की सरकार लानी है। बैठक में कार्यकर्ताओं को मूल रूप से तीन निर्देश भी जारी किए गए हैं। जिसमें कहा गया है कि सीएम फेस कौन होगा? इसको लेकर विवाद में नहीं पड़ना। इसे कांग्रेस हाईकमान तय करेगा। पार्टी में गुटबाजी की स्थिति नहीं बनानी है। न ही गठबंधन में दरार पैदा करनी है।
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, "आज राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी की अध्यक्षता में एक बैठक होने वाली है। राज्य के सभी प्रमुख नेता उपस्थित रहेंगे, बैठक में आने वाले चुनाव की रणनीतियां तय की जाएगी... MVA के साथ ही हम चुनाव लड़ेंगे..." pic.twitter.com/JDttR1rs16
— NewsMobile Samachar (@NewsMobileHindi) October 14, 2024
विवादित सीटों पर न बोलने के निर्देश
विवाद वाली सीटों को लेकर कोई चर्चा नहीं करनी है। जिन सीटों पर उद्धव ठाकरे और शरद पवार की पार्टी दावा कर रही है, उनको लेकर फैसला सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस हाईकमान करेगा। स्थानीय नेताओं को कोई इश्यू नहीं बनाना है। घोषणा पत्र को लेकर भी स्थानीय नेताओं को कोई चर्चा नहीं करनी। यह सब काम कांग्रेस हाईकमान ही देखेगा। जनता से जुड़कर काम करने के निर्देश नेताओं को दिए गए हैं। स्थानीय नेताओं को अति आत्मविश्वास से बचने को कहा गया है। माना जा रहा है कि पार्टी के घोषणापत्र में बेरोजगारों, किसानों और महिलाओं को तवज्जो दी जा सकती है। दलितों और अल्पसंख्यकों के लिए भी अलग से ऐलान किया जा सकता है।
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