महाविकास अघाड़ी की बैठक में 10 घंटे तक मंथन, इन 12 सीटों पर नहीं बनी सहमति; उद्धव नाराज
Maharashtra Assembly Election: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है। अभी महाविकास अघाड़ी में कई सीटों की शेयरिंग को लेकर पेंच फंसा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक रामटेक, कामठि, वरोरा, दक्षिण नागपुर, भंडारा, बुलढाणा, सिंदखेड़राजा, आरणी, यवतमाल, दिग्रेस, आरमोरी और वर्धा सीट पर सहमति नहीं बन सकी है। शनिवार को 10 घंटे मंथन के बाद भी महाविकास अघाड़ी में सीटों पर सहमति नहीं बन सकी। उद्धव ठाकरे सीट शेयरिंग पर बात नहीं बनने से नाराज बताए जा रहे हैं।
विश्लेषक मान रहे हैं कि सीट शेयरिंग को लेकर हो रही देरी से महाविकास अघाड़ी को नुकसान हो सकता है। बताया जा रहा है कि आदित्य ठाकरे शरद पवार से मिलने के लिए पहुंचे हैं। वायबी सेंटर में शरद पवार अपनी पार्टी के नेताओं से मुलाकात कर रहे थे। यहीं आदित्य ठाकरे की उनसे बात हुई। सूत्रों के मुताबिक सीट बंटवारे को लेकर शरद पवार दूसरे दलों के दिग्गज नेताओं से भी चर्चा कर रहे हैं।
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आदित्य ठाकरे ने मीडिया से बात की। इस दौरान आदित्य ने सीट शेयरिंग को लेकर कुछ नहीं कहा। सिर्फ इतना कहा कि वे चुनाव से जुड़े मुद्दों को लेकर शरद पवार से चर्चा करने आए थे। शरद पवार से अनिल परब की मुलाकात भी हुई है। महाराष्ट्र कांग्रेस के वर्किंग प्रेसिडेंट नसीम खान शरद पवार से मिलने पहुंचे थे। उधर, शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री में चल रही बैठक खत्म हो चुकी है। बैठक में विनायक राउत, अरविंद सावंत, अनिल देसाई, राजन विचारे, मिलिंद नार्वेकर, वैभव नाइक, संजय राउत सहित शिवसेना UBT के कई बड़े नेता पहुंचे। करीब 1.30 घंटे तक बैठक चली।
Mahavikas Aghadi urges Maharashtra's Chief Election Officer to address voter deletion tactics and ensure free and fair elections. The ruling party's alleged manipulation of voter rolls undermines democracy, disenfranchising citizens who oppose them.@CEO_Maharashtra… pic.twitter.com/ecr7Nv3z44
— Satej (Bunty) D. Patil (@satejp) October 18, 2024
विदर्भ से कांग्रेस को उम्मीदें
UBT ने दावा किया है कि अमरावती, रामटेक और कोल्हापुर 3 लोकसभा सीटें उद्धव ने कांग्रेस के लिए लोकसभा में छोड़ दी थीं। लेकिन अब कांग्रेस विदर्भ में उनके लिए सीटें नहीं छोड़ रही है। अगर उद्धव विदर्भ में नहीं लड़ेंगे या उचित सीटें नहीं मिलीं तो उनका अस्तित्व खत्म हो जाएगा। विदर्भ में कांग्रेस और बीजेपी दोनों मजबूत हैं। वहीं, संयुक्त शिवसेना में जिन सीटों पर उद्धव लड़ते रहे हैं, वे सीटें शिंदे को मिलने की संभावना है। ऐसे में शिंदे की शिवसेना तो जीवित होगी, लेकिन उद्धव की शिवसेना खतरे में पड़ जाएगी। ऐसा शिवसेना यूबीटी को लग रहा है। जबकि कांग्रेस मान रही है कि विदर्भ में उसको कई सीटों पर जीत मिल जाएगी।
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