12 मंत्रियों की छुट्टी, 25 नए चेहरों पर दांव; शिंदे कैबिनेट से देवेंद्र फडणवीस का मंत्रिमंडल कितना अलग?
Maharashtra Cabinet Expansion: महाराष्ट्र में महायुति सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार हो चुका है। 39 मंत्रियों ने नागपुर में आयोजित समारोह में 15 दिसंबर को शपथ ली थी। 33 मंत्रियों को कैबिनेट और 6 को राज्य स्तरीय दर्जा दिया गया है। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने समारोह के दौरान मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। 25 नए चेहरों पर दांव खेला गया है। एकनाथ शिंदे की कैबिनेट में शामिल रहे 12 मंत्रियों की छुट्टी कर दी गई है। BJP के विधायक रवींद्र चव्हाण, सुधीर मुनगंटीवार, सुरेश खडसे और विजयकुमार गावित को इस कैबिनेट में जगह नहीं मिली है। वहीं, NCP (अजित गुट) के दिलीप वलसे पाटिल, छगन भुजबल, अनिल पाटिल, धर्मरावबाबा आत्राम और संजय बनसोडे को मंत्री नहीं बनाया गया है।
हर मंत्री का होगा ऑडिट
शिवसेना (शिंदे गुट) के अब्दुल सत्तार, तानाजी सावंत व दीपक केसरकर भी खाली हाथ रहे हैं। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने समारोह के बाद कहा कि हर मंत्री का ऑडिट होगा। जिन लोगों को मंत्री नहीं बनाया गया है, उनको दूसरी जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी। मंत्रियों को हटाने के पीछे खराब परफॉर्मेंस को कारण बताया जा रहा है। वहीं, जिन लोगों को नई कैबिनेट में जगह नहीं मिली है, उन्हें भविष्य में मौका दिया जा सकता है। फिलहाल एक मंत्री पद खाली भी रखा गया है। जो एनसीपी या शिवसेना को मिल सकता है। नई कैबिनेट में 25 नए विधायकों को मंत्री बनाया गया है।
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नई कैबिनेट में गणेश नाइक, चंद्रशेखर बावनकुले, पंकजा मुंडे, जयकुमार रावल, आशीष शेलार, अशोक उइके, शिवेंद्रराजे भोसले, दत्तात्रेय भरणे, जयकुमार गोरे, माणिकराव कोकाटे, संजय सावकारे, नरहरि जिरवाल, प्रताप सरनाईक, संजय शिरसाट, मकरंद पाटिल, भरत गोगावले, आकाश फुंडकर, नितेश राणे, प्रकाश अबितकर, बाबासाहेब पाटिल, आशीष जयसवाल, माधुरी मिसाल, मेघना बोर्डिकर, पंकज भोयर और इंद्रनील नाइक को शामिल किया गया है।
इस बार चार महिलाओं को मौका
इस बार चार महिलाओं को भी मंत्री बनाया गया है। पंकजा मुंडे फडणवीस कैबिनेट में शामिल की गई हैं। वे इससे पहले 2014 से 2019 तक मंत्री रह चुकी हैं। इसके अलावा बीजेपी ने माधुरी मिसाल और मेघना बोर्डिकर को मंत्रिमंडल में शामिल किया है। वहीं, एनसीपी (अजित गुट) की ओर से अदिति तटकरे मंत्रिमंडल में शामिल की गई हैं। वहीं, शिवसेना (शिंदे गुट) ने किसी भी महिला को इस बार मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया है। महायुति के दलों ने अपने मंत्रियों के लिए ढाई साल का फॉर्मूला तय किया है। अगर किसी मंत्री की परफॉर्मेंस ठीक नहीं रही तो पद से हटाकर किसी अन्य विधायक को मौका दिया जा सकता है।
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