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महाराष्ट्र चुनाव में BJP ने क्यों बदली रणनीति? रेवड़ी पॉलिटिक्स के खिलाफ रही है पार्टी

BJP Against Revdi Politics: महाराष्ट्र में बीजेपी ने जमकर लोक लुभावन वादे किए हैं। पार्टी अब तक रेवड़ी पॉलिटिक्स के खिलाफ रही है, लेकिन महाराष्ट्र चुनाव में विपक्ष के वादों के बीच पार्टी ने यह निर्णय क्यों लिया है?
09:44 AM Nov 12, 2024 IST | Rakesh Choudhary
महाराष्ट्र चुनाव में bjp ने क्यों बदली रणनीति  रेवड़ी पॉलिटिक्स के खिलाफ रही है पार्टी
Maharashtra Chunav 2024

Maharashtra Chunav 2024: भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र और झारखंड के चुनावी संकल्प पत्र में कई ऐसे वादे किए हैं जो उसकी रणनीति पर सवाल उठा रहे हैं। बीजेपी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में वादा किया है कि सत्ता में आने पर वह किसानों का कर्ज माफ करेगी। बीजेपी और पीएम मोदी रेवड़ी पॉलिटिक्स के खिलाफ रहे हैं। पार्टी का मानना रहा है कि रेवड़ी पॉलिटिक्स अर्थतंत्र के लिए ठीक नहीं है। किसानों की कर्जमाफी पार्टी का स्टैंड रहा है कि वह किसानों की आय दोगुनी करके ही किसानों का भला कर सकती है, ऐसे में आइये जानते हैं पार्टी ने यह फैसला क्यों लिया?

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बीजेपी महाराष्ट्र में लाडली बहना स्कीम का जिक्र कर रही है। यह योजना सबसे पहले एमपी में सीएम रहे शिवराज सिंह चौहान ने शुरू की थी। पार्टी को इस योजना के दम एमपी में महिलाओं के वोट मिले और पार्टी लगातार सरकार बनाने में कामयाब रही। इसके बाद हरियाणा, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में भी इसे लागू किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेवड़ी कल्चर के खिलाफ बोलते रहे हैं।

बीजेपी ने 2017 में किया था कर्जमाफी का वादा

पार्टी ने 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में किसानों की कर्जमाफी का वादा किया था। चुनाव जीतने के बाद इसे लागू भी किया। इसके बाद चुनाव दर चुनाव बीजेपी कहती रही किसानों की कर्ज माफी समस्या समाधान नहीं है। बीजेपी नेता कहते रहे हैं कि किसानों का आय बढ़ाना ही इसका समाधान है। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य के स्थानीय नेता चाहते थे कि पार्टी कर्जमाफी का वादा करें लेकिन पार्टी ने किसानों को धान की खरीद पर 3100 रुपये एमएसपी देने की बात कही।

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दोनों गठबंधन ने की ये घोषणाएं

राजनीति के जानकारों की मानें तो महाराष्ट्र चुनाव में दोनों गठबंधन के बीच फ्री घोषणाओं का कंपीटिशन चल रहा है। उद्धव ठाकरे की सरकार ने किसानों का 2 लाख का कर्ज माफ किया था। गठबंधन को इसका फायदा लोकसभा चुनाव में हुआ। अब दोनों गठबंधन ने सत्ता में आने पर 3 लाख रुपये तक की कर्जमाफी का वादा किया है। लाडली बहना योजना के तहत बीजेपी ने 1500 रुपये की राशि अब 2100 करने का ऐलान किया है। वहीं एमवीए ने महिलाओं को सरकार बनने पर 3000 रुपये देने का ऐलान किया है। बीजेपी ने लड़कियों को फ्री शिक्षा देने की बात कही है तो वहीं एमवीए ने लड़कों को भी फ्री शिक्षा की बात कही है।

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बीजेपी ने की विपक्ष की नकल

बीजेपी रेवड़ी पॉलिटिक्स के खिलाफ रही है, ऐसे में पार्टी का महाराष्ट्र चुनाव में फ्री योजनाओं की घोषणा इस बार समझ से परे हैं। अर्थशास्त्रियों की मानें तो फ्री वाली स्कीम अर्थशास्त्र के लिहाज से ठीक नहीं हैं। महिलाओं को शिक्षा, रोजगार और बेहतर मजदूरी की जगह पर 2100 और 3000 रुपये देना समाधान नहीं कहा जा सकता है। इसके अलावा कई मौको पर कैग भी कह चुका है कि रेवड़ियां बांटने की स्कीम सही नहीं है। राजनीति के कारण दोनों गठबंधन यहीं कर रहे हैं। ऐसे में हो सकता है कि बीजेपी चुनावी सफलता के लिए विपक्ष की देखादेखी इस प्रकार की घोषणाएं कर रही हैं।

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