महाराष्ट्र में हार के बाद क्यों फीका पड़ा EVM का राग? नतीजों से पहले सर्वे में हुआ था बड़ा खुलासा
Maharashtra Election Results 2024 MVA to Blame EVM: अब से ठीक 5 महीने पहले लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों में बीजेपी को जिन राज्यों में सबसे बड़ा झटका लगा था, हरियाणा और महाराष्ट्र भी उन्हीं में से एक थे। 5 महीने के भीतर बाजी पूरी तरह से पलट गई। दोनों ही राज्यों में बीजेपी के नेतृत्व वाली NDA ने लैंडस्लाइड जीत हासिल कर ली। हर बार की तरह इस बार भी विपक्ष ने हार का ठीकरा EVM पर फोड़ दिया।
सर्वे में पहले ही हुआ था खुलासा
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र हारने पर विपक्ष को हैरानी नहीं हुई। चुनावी नतीजों से पहले 20 नवंबर को महाराष्ट्र में एक सर्वे करवाया गया था, जिससे काफी हद तक यह साफ हो गया था कि महाराष्ट्र का रण जीतना महाविकास अघाड़ी (MVA) के लिए मुश्किल हो सकता है। इस सर्वे के अनुसार लाडली बहिन योजना के कारण महायुति के जीत का पलड़ा भारी हो गया है।
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103 सीटों पर हुआ था सर्वे
महाराष्ट्र चुनाव से चार हफ्ते पहले 103 सीटों पर सर्वे करवाया गया था। इसमें भी साफ हो गया था कि MVA यह गेम हारने वाली है। इंडियन एक्सप्रेस के सर्वे के अनुसार MVA 44 सीटों पर लीड कर रही थी तो महायुति के 54 सीटों पर जीतने के आसार थे। इस सर्वे में सामने आया था कि MVA को सिर्फ मुस्लिम समुदाय का साथ मिल रहा है। तो वहीं मराठा समेत दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक महायुति के साथ हैं।
लाडली बहिन योजना का मिला लाभ
महाराष्ट्र चुनाव 2024 में महायुति की जीत का एक बड़ा कारण लाडली बहिन योजना भी है। सर्वे में मौजूद 88 प्रतिशत लोग इस योजना से वाकिफ थे। 82 प्रतिशत लोगों के परिवार में किसी न किसी को इस योजना का लाभ मिल रहा है। ऐसे में लोकसभा चुनाव जैसा प्रदर्शन दोहराने के लिए MVA ने कड़ी मशक्कत की, मगर उसे फायदा नहीं मिल सका।
लोकसभा चुनाव में कैसा था प्रदर्शन
महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों से पहले ही महायुति की लोकप्रियता उजागर हो चुकी थी। इसके बावजूद परिणामों के बाद विपक्ष ने EVM को दोष देना शुरू कर दिया। बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 में MVA ने 48 में से 30 सीटें जीती थीं। इनमें 13 सीटें कांग्रेस, 9 सीटें शिवसेना (यूबीटी) और 8 सीटें एनसीपी (शरद पवार) के खाते में गई थी।
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