महाराष्ट्र में चुनाव आयोग के नतीजों को चुनौती, सोलापुर में आज बैलेट पेपर से 'अनौपचारिक मतदान'
Maharashtra Solapur Repolling: महाराष्ट्र के सोलापुर के मरकडवाडी में चुनाव आयोग के नतीजों को चुनौती देते हुए आज बैलेट पेपर पर अनौपचारिक पुनर्मतदान करवाया जा रहा है। खबर लिखे जाने तक अब तक भाजपा उम्मीदवार राम सतपुते आगे चल रहे हैं। हमेशा उत्तमराव जंकर का समर्थन करने वाले MVA समर्थकों का मानना है कि आधिकारिक गिनती गलत है और वे वोटों का सही इस्तेमाल करना चाहते हैं। मरकडवाडी में ज्यादातर वोटर्स MVA समर्थक हैं।
मरकडवाडी सोलापुर के मालशिरस विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जहां NCP (सपा) के उत्तमराव जानकर ने भाजपा के पूर्व विधायक राम सातपुते को हराया। जानकर ने जीत हासिल की, लेकिन उनके MVA समर्थकों ने चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए EVM के नतीजों पर आपत्ति जताई, जिसमें दिखाया गया था कि भाजपा उम्मीदवार को बढ़त हासिल है। इसलिए फिर से वोटिंग कराई जा रही है। वहीं सोलापुर प्रशासन ने नोटिस जारी किया है कि ग्रामीण पुनर्मतदान से दूर रहें।
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गांव में करीब 2000 वोटर्स
सोलापुर के SP अतुल कुलकर्णी ने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए गांव में पुलिस बल भी तैनात कर दिया है। गांव में 2000 से अधिक योग्य मतदाता हैं, जिनमें से लगभग 1900 ने 20 नवंबर को मतदान किया। गांव ने जानकर और मोहिते पाटिल परिवार का समर्थन किया है, लेकिन इस बार चुनाव में जानकर को 843 वोट मिले। सतपुते को 1003 वोट मिले। ग्रामीणों को चुनाव आयोग के इस आंकड़े पर विश्वास नहीं है, इसलिए आज 3 दिसंबर को मतपत्रों पर मतदान कराया जा रहा है। MVA समर्थकों ने मालशिरस सीट से चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों के नाम और तस्वीरों वाले मतपत्रों की छपाई के लिए धन जुटाया। उन्होंने सभी ग्रामीणों से मतपत्र के जरिए वोट डालने का आह्वान किया।
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रिटर्निंग ऑफिसर का डेटा में गड़बड़ से इनकार
मालशिरस सीट के रिटर्निंग ऑफिसर विजय पंगारकर ने बताया कि विधानसभा चुनाव मतगणना 23 नवंबर को समाप्त हो गई थी। मरकडवाडी के सभी 3 बूथों पर मतगणना प्रक्रिया पारदर्शी थी और डेटा में कोई विसंगति नहीं थी। गांव के भाजपा समर्थकों ने ऐलान किया है कि वे इसमें हिस्सा नहीं लेंगे। अविनाश कोडिलकर ने कहा कि बैलेट पेपर से मतदान करने का फैसला गांव के बाकी लोगों को विश्वास में लिए बिना कुछ लोगों द्वारा लिया गया था। चुनाव खत्म हो गया है और इस पुनर्मतदान की कोई आवश्यकता नहीं है।
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