रेप केस, 21 बार जुर्माना...मुंबई होर्डिंग हादसे का आरोपी भावेश भिड़े कौन? आदेशों की धज्जियां उड़ाई, 14 ने जान गंवाई
Mumbai Billboard Collapse Accused Bhavesh Bhide: धूल भरी आंधी चली और 100 फीट ऊंचा होर्डिंग पेट्रोल पंप के ऊपर गिर गया। मलबे के नीचे करीब 100 लोग दब गए। 14 लोगों की मौत हो चुकी है और बाकी घायल हैं। हादसा महाराष्ट्र में मुंबई के घाटकोपर इलाके में हुआ। हादसे का आरोपी होर्डिंग लगाने वाली कंपनी के मालिक है, जिसके खिलाफ पंतनगर पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई है।
मुंबई पुलिस सोमवार रात से ही उसकी तलाश में जुटी है, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला है। वह गायब हो गया है और उसकी फोन भी बंद आ रहा है। पुलिस के अनुसार, वह अंडरग्राउंड हो चुका है और उसकी तलाश में पुलिस टीमों को लगा दिया गया है। पूरे मुंबई में छापेमारी जारी है। आइए जानते हैं कि आखिर भावेश भिड़े कौन है?
विज्ञापन कंपनी का मालिक, उद्धव गुट का करीबी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भावेश भिड़े विज्ञापन कंपनी EGO मीडिया प्राइवेट लिमिटेड का मैनेजिंग डायरेक्टर है। वह उद्धव ठाकरे गुट का करीबी बताया जा रहा है। उसकी कंपनी होर्डिंग्स लगवाने का ठेका लेती है। कंपनियों को उनके प्रचार के लिए विज्ञापन बोर्ड लगवाने में सहयोग करती है। इसी कंपनी ने अप्रैल 2022 में घाटकोपर में होर्डिंग लगाया था, लेकिन उसे अवैध बताते हुए भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया शिकायत दी थी।
BMC को शिकायत दी गई थी कि होर्डिंग बिना परमिशन के सरकारी जमीन पर लगाया गया था। एक्शन लेते हुए कंपनी पर जुर्माना लगाया था। साथ ही होर्डिंग हटाने के निर्देश दिए थे। गत अप्रैल महीने का मामला है, लेकिन भावेश ने आदेश का उल्लंघन किया। होर्डिंग हटवाया नहीं और अब जब भारी बारिश हुई और तेज हवाएं चलीं तो होर्डिंग पेट्रोल पंप के ऊपर गिया गया। हादसे में 14 लोग मारे गए और 70 से ज्यादा लोग घायल हुए।
जनवरी 2024 में दर्ज हुआ था रेप केस
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 51 वर्षीय भावेश के खिलाफ 24 जनवरी 2024 को मुलुंड पुलिस स्टेशन में बलात्कार और छेड़छाड़ का मामला हुआ था, लेकिन उसे बॉम्बे हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई थी। मामले में भावेश के खिलाफ चार्जशीट भी दायर हो चुकी है। मुलुंड पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक अजय जोशी ने मामले की पुष्टि की।
भावेश ने 2009 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव भी बतौर निर्दलीय उम्मीदवार लड़ा था। उसने चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में 21 मामलों की घोषणा की थी, जिनमें बिना अनुमति के बैनर लगाने और से संबंधित 2 मामलों में मुंबई नगर निगम (MMC) अधिनियम के तहत जुर्माना लगाया गया था। 2 मामलों में उसके खिलाफ केस भी दर्ज हुआ था।