'मैं रामलला का दर्शन करने अयोध्या जरूर जाऊंगा, लेकिन...', जानें राम मंदिर के निमंत्रण पर क्या बोले NCP प्रमुख
NCP Chief Sharad Pawar on Ram Mandir Inauguration: अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को होगा। इसे लेकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कई लोगों को निमंत्रण पत्र भेजा है। इसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार भी शामिल हैं। हालांकि, वे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने इसे एक विशिष्ट संगठन या पार्टी का कार्यक्रम करार दिया।
'राजीव गांधी ने खुलवाया ताला'
शरद पवार ने महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए अयोध्या में ताला खुलवाकर भगवान राम की मूर्ति बाहर निकाली। उस समय यह विवाद शुरू हुआ कि आपने ताला क्यों खोला। पवार ने कहा कि राजीव ने मस्जिद गिरने के बाद मंदिर बनाने का प्रयास शुरू किया था। उस समय कुछ लोग इस मामले को कोर्ट में ले गए। यह केस 20 साल तक चला। अदालत ने दो साल पहले इस माामले में निर्णय दिया, जो हिंदू पक्ष में रहा।
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'मंदिर बनना अच्छी बात है'
एनसीपी प्रमुख ने कहा कि श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने मंदिर की रूपरेखा तैयार की। आज मंदिर बन रहा है, यह अच्छी बात है। सभी इससे खुश हैं। उन्होंने कहा कि हमने या कांग्रेस ने कभी मंदिर का विरोध नहीं किया। मुझे अयोध्या का निमंत्रण मिला था। भगवान राम का हम आदर करते हैं। उनका व्यक्तित्व समाज के लिए प्रेरणादायक है। राम किसी पार्टी या संगठन के नहीं हैं। उनका निमंत्रण देखने के बाद ऐसा लगा कि यह राम मंदिर का उद्घाटन समारोह किसी संगठन या पार्टी का कार्यक्रम है।
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'मैं अयोध्या जरूर जाऊंगा'
शरद पवार ने कहा कि राम मंदिर का काम पूरा होने के बाद मैं अयोध्या जरूर जाऊंगा। वहां अपनी भावनाएं व्यक्त करूंगा। इसलिए मैंने 22 जनवरी को अयोध्या जाने से मना कर दिया। उन्होंने कई लोगों को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में आने का निमंत्रण दिया है, जिसमें उद्योगपति भी शामिल हैं।
किसानों को अभी तक नहीं मिला सूखे का मुआवजा
पवार ने कहा कि अखबारों के पन्नों में विज्ञापन दिया गया है कि हम अयोध्या पर 60 हजार करोड़ खर्च करेंगे। अच्छी बात है, लेकिन किसानों को सूखे का मुआवजा अभी तक नहीं मिला है, राम को प्रिय गोमाता के चारे का पैसा अभी तक नहीं दिया गया है। भगवान राम और गोमाता की भक्ति इनके मन में कितनी है, यह इसका उदाहरण है।
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