'राजनीति अंसतुष्ट आत्माओं का सागर...', नितिन गडकरी बोले- CM तनाव में, पता नहीं कब हाईकमान हटा दे
Nitin Gadkari Speech: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। उनके बयान सोशल मीडिया पर जमकर सुर्खियां बटोरते हैं। रविवार को वे नागपुर में थे। जहां उन्होंने एक कार्यक्रम में जीवन के 50 स्वर्णिम नियम नामक पुस्तक का विमोचन किया। इस दौरान उन्होंने कहा जीवन समझौतों, बाध्यताओं, सीमाओं और विरोधाभासों का खेल है। यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब महाराष्ट्र में सीएम पद को लेकर शिवसेना और बीजेपी एक बार फिर आमने-सामने है।
महाराष्ट्र में बीजेपी चाहती है कि सीएम का पद उसे मिले, क्योंकि उसने सबसे अधिक सीटों पर जीत दर्ज की है। केंद्रीय मंत्री ने कहा चाहे व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में हो, जीवन हमेशा चुनौतियों और समस्याओं से भरा रहता है। व्यक्ति को उसका सामना करने के लिए जीवन जीने की कला को समझना होगा। इस दौरान उन्होंने राजस्थान में आयोजित एक कार्यक्रम केे दौरान कहीं बातें फिर दोहराई।
राजनीति में हर व्यक्ति असंतुष्ट
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक बार मैंने राजस्थान में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था राजनीति हमेशा से असंतुष्ट आत्माओं का घर रहा है। यहां पर हर व्यक्ति दुखी है। जो पार्षद बनता है वह इसलिए दुखी है क्योंकि वह विधायक नहीं बन पाया। विधायक इसलिए दुखी होता है क्योंकि वह मंत्री नहीं बन पाया। वहीं जो मंत्री बनता है वह इसलिए दुखी रहता है क्योंकि उसे अच्छा मंत्रालय नहीं मिला और वह सीएम नहीं बन पाया। जबकि सीएम इसलिए दुखी रहता है क्योंकि उसे नहीं पता कब आलाकमान उसे पद छोड़ने के लिए कह दे।
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जीवन में समस्याएं बड़ी चुनौती
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि जीवन में समस्याएं बड़ी चुनौतियां पेश करती हैं और उनका सामना करना तथा आगे बढ़ना ही जीवन जीने की कला है। कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन का एक उद्धरण भी याद किया। उन्होंने कहा कोई व्यक्ति तब खत्म नहीं होता, जब वह हार जाता है। वह तब खत्म होता है, जब वह हार मान लेता है। बता दें कि वरिष्ठ भाजपा नेता जीवन जीने के लिए मानवीय मूल्यों और संस्कारों पर जोर दिया।
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