Torres Jewellery Scam: 1.25 लाख इंवेस्टर्स से ठगे 1000 करोड़ रुपये, जानिए पोंजी स्कीम का सच
Torres Jewellery Ponzi Scheme: मुंबई में एक नया स्कैम सामने आया है, जिसके तहत मुंबई और आस-पास के इलाकों में छह स्टोर चलाने वाली ज्वेलरी चैन टोर्रेस ज्वेलरी ने हाई रिटर्न का वादा करके पोंजी स्कीम के जरिए 1.25 लाख इंवेस्टर्स से 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की। कंपनी ने इसके बाद अपने सीईओ और अन्य कर्मचारियों पर धोखाधड़ी वाली स्कीम चलाने और उसके स्टोर में तोड़फोड़ करने का आरोप लगाया। आइए इस मामले के बारे में जानते हैं।
इन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
मुंबई पुलिस ने होल्डिंग कंपनी प्लेटिनम हर्न प्राइवेट लिमिटेड और उसके दो डायरेक्टर, सीईओ, जनरल मैनेजर और एक स्टोर इंचार्ज के खिलाफ मामला दर्ज किया है। उन पर धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और कई अन्य आरोप लगाए गए हैं। बता दें कि टोर्रेस ज्वेलरी ने पिछले साल फरवरी में जेम स्टोन ज्वेलरी बेचने के लिए अपने छह स्टोर खोले थे।
क्या है स्कैम?
अपने इस बिजनेस के साथ-साथ, उन्होंने इंवेस्टमेंट करने के लिए एक बोनस स्कीम की शुरुआत की। इस स्कीम के तहत, 1 लाख रुपये का निवेश करने वाले कस्टमर्स को मोइसैनाइट स्टोन वाला एक पेंडेंट मिलेगा, जिसकी कीमत 10,000 रुपये है। हालांकि, उन्होंने कस्टमर्स को यह भी बताया कि ये पत्थर नकली हैं और उन्हें उनके निवेश के सिंबल के रूप में दिए गए हैं।
इसके अलावा ज्यादा कस्टमर्स के लिए कंपनी ने इन्वेस्टर्स को रेफरल बोनस का भी लालच दिया। इस स्कीम के तहत कस्टमर्स को वादा किया गया कि उनके निवेश पर 7% ब्याज के हिसाब साप्ताहिक भुगतान किया जाएगा और इसे बाद में बढ़ाकर 11% कर दिया गया। हालांकि कंपनी ने शुरुआत में कुछ समय के लिए सारे भुगतान किए थे, लेकिन लगभग दो सप्ताह पहले भुगतान पूरी तरह बंद हो गया।
यूट्यूब पर की घोषणा
टोर्रेस ने हाल ही में YouTube पर एक वीडियो अपलोड किया, जिसमें घोषणा की गई कि 5 जनवरी से पहले किए गए निवेश पर 11% ब्याज मिलता रहेगा, जबकि उसके बाद किए गए निवेश पर कम रिटर्न मिलेगा। उन्होंने नकद भुगतान के लिए एक्स्ट्रा 0.5% ब्याज की पेशकश भी की, जिससे ज्यादा कस्टमर्स निवेश करें। हालांकि, 6 जनवरी को टोर्रेस के सभी स्टोर बंद हो गए, जिससे लगभग 1.25 लाख लोगों का पैसा फंस गया।
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पोंजी स्कीम का किस पर हुआ असर?
इस स्कीम में इंवेस्ट करने वाले ज्यादातर लोग लोवर मिडिल क्लास के है, जिसमें सब्जी बेचने वाले और छोटे व्यापारी शामिल हैं। उन्हें ज्यादा रिटर्न का वादा करके लुभाया गया, जिसमें कुछ हजार रुपये से लेकर करोड़ों रुपये तक के निवेश शामिल थे। 7 जनवरी को दादर में टोरेस ज्वेलरी स्टोर पर सैकड़ों निवेशक अपने पैसे वापस मांगने के लिए जमा हुए।
इस स्कैम के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें सर्वेश अशोक सुर्वे, तान्या कैसातोवा और वेलेंटीना कुमार शामिल हैं। हालांकि पूरे मामले के मास्टरमाइंड, यूक्रेनी नागरिक जॉन कार्टर और विक्टोरिया कोवलेंको देश छोड़कर भाग गए हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी किए गए हैं। आर्थिक अपराध शाखा (EOW) मामले की जांच कर रही है।
टोर्रेस कंपनी ने क्या कहा?
इस स्कैम के सामने आने के बाद टोरेस ज्वेलरी ने दावा किया है कि सीनियर मैनेजर और कुछ कर्मचारियों स्कैम और उसके स्टोर बंद करने के लिए जिम्मेदार हैं। कंपनी ने अपने आधिकारिक YouTube और Instagram अकाउंट पर घोषणा की है कि जल्द ही स्टोर ऑपरेशन फिर से शुरू हो जाएगा और इन्वेस्टर्स को बोनस भुगतान भी किया जाएगा।
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