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ट्रेनी IAS के विवाद में अबतक क्या-क्या हुआ? कैसे फंसीं पूजा खेडकर, मुश्किल में माता-पिता

Pooja Khedkar Controversy : ट्रेनी आईएएस ऑफिसर पूजा खेडकर को लेकर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। उनके परिवार की भी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। यूपीएससी द्वारा एफआईआर दर्ज कराने के बाद से पूजा खेडकर फरार चल रही हैं। आइए जानते हैं कि अबतक क्या-क्या हुआ?
04:45 PM Jul 21, 2024 IST | Deepak Pandey
ट्रेनी ias के विवाद में अबतक क्या क्या हुआ  कैसे फंसीं पूजा खेडकर  मुश्किल में माता पिता
जानें क्या है पूजा खेडकर का पूरा विवाद?

(इंद्रजीत सिंह, मुंबई)

Pooja Khedkar Controversy : आईएएस बनना देश में लाखों युवाओं का सपना होता है। लाखों युवा दिन रात मेहनत कर सिविल सेवा की परीक्षा में बैठते हैं, इनमें से सैकड़ों लोगों को ही यह मुकाम हासिल हो पाता है यानी आईएएस बन पाते हैं। पूजा खेडकर ने अपनी मेहनत, थोड़े तिकड़म और जालसाजी से यह सपना तो हासिल किया, लेकिन इस कामयाबी को पचा नहीं पाई। वीआईपी नंबर प्लेट वाली लक्जरी कार से दफ्तर आना, असिस्टेंट कलेक्टर होकर कलेक्टर वाली ठाट ढूंढना, अपने सीनियर के कैबिन को ही हथिया लेना पूजा खेडकर को महंगा पड़ गया। पूजा की ट्रेनिंग प्रोग्राम को रद्द कर दिया गया है। यूपीएससी ने उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज की। मां मनोरमा पुलिस हिरासत में हैं और पिता फरार हैं।

34 वर्षीय ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर विवादों में हैं। उनकी उम्र 34 साल ही है, इसको लेकर भी विवाद है। यूपीएससी ने पूजा खेडकर के खिलाफ दिल्ली क्राइम ब्रांच में FIR दर्ज कराई है। साथ ही कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि सिविल सेवा परीक्षा 2022 से उनकी उम्मीदवारी क्यों न रद्द की जाए और भविष्य की परीक्षाओं से उन्हें क्यों न रोका जाए? इस विवाद से पहले पूजा की लाइफ अच्छी चल रही थी। उन्होंने कैसे यह मुकाम हासिल किया, किस तरह से नियम कानून को तोड़ा मरोड़ा, किसी को नहीं पता था, लेकिन सत्ता का नशा और दिखावे की आदत ने आज उनको फरार होने पर मजबूर कर दिया।

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सत्ता के नशे में गलती कर बैठीं पूजा खेडकर

पूजा खेडकर ने वो मुकाम हासिल कर लिया था, लेकिन वह सत्ता के नशे में गलती कर बैठीं और यहीं से उनके बुरे दिन की शुरुआत हुई। आयोग की जांच में पता चला है कि पूजा ने उम्र कम दिखाकर तय सीमा से ज्यादा बार एग्जाम देने के लिए फर्जी तरीके से अपनी पहचान बदलकर यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा दी। उन्होंने अपने नाम, पिता का नाम, मां का नाम, फोटो और साइन तक बदल डाले। इसके अलावा मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और पता भी बदला। गलत तरीके से नई पहचान बनाने की वजह से उन्हें लिमिट से ज्यादा बार परीक्षा में बैठने का मौका मिला। क्राइम ब्रांच ने जालसाजी, धोखाधड़ी, आईटी एक्ट और दिव्यांगता अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

ट्रेनी आईएएस ने उम्र और नाम में की थी गड़बड़ी

सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल एप्लीकेशन फॉर्म 2020 और 2023 में पूजा के नाम व उम्र में अंतर नजर आए। 2020 में आवेदन के समय डॉ. पूजा दिलीपराव और उम्र 30 वर्ष लिखी। इसके बाद 2023 के आवेदन में अपना नाम बदलकर मिस पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर कर लिया और उम्र 31 वर्ष बताई। 2020 में पूजा ने पहले अपने नाम के साथ पिता का नाम दिलीप राव जोड़कर लिखा, जबकि 2023 में पिता का नाम हटाया और माता का नाम मनोरमा जोड़कर मिस पूजा मनोरमा लिखा। उन्होंने अपने नाम से डॉ. का टाइटल भी हटा लिया। वहीं, यूपीएससी की एफआईआर में उनका नाम मिस पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर बताया गया है।

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दिव्यांग सर्टिफिकेट पर भी उठे सवाल

पूजा खेडकर की दिव्यांग सर्टिफिकेट पर भी सवाल उठा। पता चला है कि दिव्यांग सर्टिफिकेट लेने के लिए पूजा खेडकर ने जो पता दिया था वहां घर नहीं बल्कि फैक्ट्री है। इतना ही नहीं दिव्यांग प्रमाणपत्र के लिए आधार कार्ड होना जरूरी है, लेकिन पूजा ने अर्जी में राशनकार्ड लगाया था, जिसमें परिवार की आमदनी 5 लाख रुपये सालाना दिखाया गया है। हैरानी इस बात की भी है कि उनके दिव्यांग कार्ड में 7 फीसदी दिव्यांग दिखाया गया है, जबकि किसी भी सरकारी लाभ के लिए 40 फीसदी या उससे ज्यादा दिव्यांग होना जरूरी है। पूजा पर आरोप है कि अपनी विकलांगता को साबित करने के लिए होने वाले मेडिकल टेस्‍ट से वह दूर भागती रहीं। उन्‍हें कुल 6 बार अलग-अलग सरकारी मेडिकल कॉलेजों में जांच के लिए बुलाया गया, लेकिन वो कभी कोविड तो कभी किसी अन्‍य बहाने से नहीं गई।

क्लास वन ऑफिसर थे पिता दिलीप खेडकर 

पूजा के दादा डेप्युटी कलेक्टर रह चुके हैं। पूजा खेड़कर के पिता दिलीप खेडकर महाराष्ट्र पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड में क्लास वन ऑफिसर थे। 2024 में वंचित बहुजन अघाड़ी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने वाले खेडकर ने चुनावी हलफनामे में अपनी संपत्ति 40 करोड़ रुपये घोषित की, जिसमें 48 लाख रुपये की आय कृषि से बताई गई थी। हलफनामे के अनुसार, उनके पास 110 एकड़ कृषि भूमि है, जोकि कृषि सीमा भूमि अधिनियम का उल्लंघन करता है। इसके अलावा 6 दुकानें, सात फ्लैट 900 ग्राम सोना, हीरे, 17 लाख की घड़ी और चार कारें हैं। साथ ही दो प्राइवेट कंपनियों और एक ऑटोमोबाइल फर्म में हिस्सेदारी है। इसमें पूजा खेडकर के पास 17 करोड़ रुपये की संपत्ति है। इसके बावजूद पूजा ने यूपीएससी में ओबीसी-एनसीएल का सर्टिफिकेट लगाकर रिजर्वेशन का लाभ कैसे लिया है।

पूजा ने पुणे में किया था ज्वाइन

पूजा ने पुणे में सहायक जिला कलेक्टर के पद पर ज्वाइन किया था, लेकिन उनकी वीआईपी डिमांड के चलते पुणे के कलेक्टर सुहास दिवसे ने चीफ सेक्रेटरी से उनकी शिकायत की थी। पूजा खेडकर पर आरोप है कि उसने अपने सीनियर एडिशनल कलेक्टर कि अनुपस्थिति में उनका केबिन हड़प लिया और वहां अपना नेम प्लेट लगवा दिया। इसके बाद पूजा ने राजस्व सहायक को बुलाकर अपने नाम का लेटर हेड, विजिटिंग कार्ड, पेपर वेट राष्ट्रीय ध्वज और इंटरकॉम सुविधा की मांग की। इसके अलावा उन्होंने गाड़ी और सरकारी आवास मांगा, जबकि ट्रेनी आईएएस को यह सब नहीं मिलता।

पुलिस हिरासत में हैं मां

पूजा की मां मनोरमा खेडकर पुलिस हिरासत में हैं। उनको महाड के एक होटल से गिरफ्तार किया गया। मनोरमा पर पुणे के मुलशी तालुका में पिस्तौल दिखाकर किसानों की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश और जान से मारने की धमकी देने का आरोप है। केंद्र सरकार ने पूजा की उम्मीदवारी वेरिफाई करने के लिए सिंगल मेंबर कमेटी का गठन किया है। पूजा पर आरोप है कि उन्होंने दिव्यांगता और ओबीसी आरक्षण कोटे का दुरुपयोग किया।

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पूजा का ट्रेनिंग प्रोग्राम भी रद्द

उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एडमिनिस्ट्रेशन एकेडमी ने पूजा खेडकर का महाराष्ट्र से ट्रेनिंग प्रोग्राम रद्द करके एकेडमी में उन्हें तत्काल वापस बुलाने के लिए लेटर भी जारी किया था, लेकिन यूपीएससी द्वारा एफआईआर दर्ज कराने के बाद पूजा फरार हैं। पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने दृष्टिबाधित और मानसिक रूप से बीमार होने का प्रमाणपत्र जमा करके यूपीएससी परीक्षा में हिस्सा लिया था। उसके आधार पर विशेष रियायतें और उम्र में छूट पाकर आईएएस बनीं। अगर उन्हें यह रियायत नहीं मिलती तो उनके लिए प्राप्त अंकों के आधार पर आईएएस पद प्राप्त करना असंभव होता।

ऑडी कार देने वाली कंपनी भी सील

पूजा जिस ऑडी कार से दफ्तर आती थीं, उसे जब्त कर लिया गया है। कार जिस कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड थी उस कंपनी को भी सील कर दिया गया है। पुणे महानगर पालिका ने खेडकर परिवार के बंगले में अवैध निर्माण को लेकर नोटिस भेजा है। इस समय बंगले पर ताला है और पूरा परिवार फरार है।

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