'गृह मंत्री का मर्डर...दाऊद के लिए वसूली..छोटे शकील का साला', अब ऊपर पहुंचा आरिफ 'भाईजान'
Underworld Don Chhota Shakeel Relative Arif Sheikh Died: अंडरवर्ल्ड डाॅन छोटा शकील के साले आरिफ शेख की दिल का दौरा पड़ने से शनिवार को मौत हो गई। आरिफ शेख टेरर फंडिंग मामले में ऑर्थर रोड जेल में सजा काट रहा था। जेल में उसे अचानक सीने में दर्द उठा इसके बाद जेल प्रशासन उसे लेकर मुंबई के जेजे हाॅस्पिटल पहुंचा, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। आरिफ और उसके भाई शब्बीर शेख पर अंडरवर्ल्ड डाॅन दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगी की मदद करने का आरोप था। उसे मई 2022 को NIA ने अरेस्ट किया था।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक आरिफ को शुक्रवार को सांस लेने में तकलीफ और छाती में दर्द के बाद हाॅस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। आरिफ के रिश्तेदार ने बताया कि उसकी दो बेटियां हैं। उन्होंने कहा कि उसे कोई परेशानी नहीं थी। उसके रिश्तेदारों पर अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे उन्हें आरिफ से जुड़ी कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं।
Brother-in-law of gangster Chhota Shakeel, Arif Shaikh alias Arif Bhaijan died of a heart attack, at JJ Hospital in Mumbai. He was arrested in 2022 by the NIA in a terror funding case related to underworld don Dawood Ibrahim and was in Arthur Road Jail since then.
— ANI (@ANI) June 22, 2024
बता दें कि एनआईए ने टेरर फंडिंग मामले में आरिफ को उसके भाई शब्बीर के साथ फरवरी 2022 में अरेस्ट किया था। उस पर हथियारों की तस्करी, नार्को-आतंकवाद, नकली नोटों को सर्कुलेट करने समेत कई आरोप थे। इतना ही नहीं एनआईए के अनुसार उस पर आतंकियों की मदद के लिए फंड जुटाने के लिए संपत्ति को कब्जाने, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अल कायदा जैसे संगठनों के साथ मिलकर काम करने का आरोप था।
गृहमंत्री हिरेन पंडया की हत्या का लगा था आरोप
बता दें कि एक समय में आरिफ अपने साले छोटा शकील के भारत के अंदर के ऑपरेशन का इंचार्ज था। आरिफ को साल 2016 में मुंबई क्राइम ब्रांच की एक्स्टोर्शन सेल ने वसूली के आरोप में अरेस्ट किया था। बता दें कि आरिफ के अलावा 9 लोगों को साल 2006 में दुबई से डिपोर्ट किया गया था। इस पर साल 2003 में गुजरात के गृहमंत्री हिरेन पंडया की हत्या का आरोप था। इस मामले में कोर्ट ने उसे डिस्चार्ज कर दिया था।
जानें कौन था छोटा शकील
छोटा शकील 1960 के दशक एक ट्रैवल एजेंसी चलाता था। इसके बाद वह 1980 के दशक में दाऊद के गैंग में शामिल हो गया। उसे दाऊद का भरोसेमंद माना जाता है। उसकी डी कंपनी में बड़ी भूमिका थी। 1988 में उसे मुंबई पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। इसके बाद वह भागकर अपने भाई दाऊद इब्राहिम के पास दुबई चला गया। इसके दोनों ने साथ मिलकर 1993 मुंबई ब्लास्ट हमले की साजिश रची।
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