Vandre East Vidhansabha Seat Result Live Updates: वांद्रे ईस्ट से जीशान सिद्दीकी हारे, वरुण सरदेसाई 11264 वोटों से जीते
LIVE Vandre East Vidhan sabha Election Result 2024 Vote Counting News Updates: वांद्रे ईस्ट विधानसभा सीट पर वोटों की गिनती पूरी हो गई है। यहां 19 राउंड में काउंटिंग हुई है। नतीजे का ऐलान कर दिया गया है। यहां से एनसीपी शरद गुट के जीशान सिद्दीकी कड़े मुकाबले में 11264 वोटों से हारे हैं। उनको 46251 वोट मिले हैं। वहीं, शिवसेना (UTB) के वरुण सरदेसाई जीते हैं। उनको 57515 वोट मिले हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए एक ही फेज में 20 नवंबर को वोटिंग हुई थी। इस बार 65 फीसदी से अधिक मतदान दर्ज किया गया है।
वांद्रे ईस्ट विधानसभा सीट पर इस बार कड़ा मुकाबला रहा। वांद्रे ईस्ट राजधानी मुंबई की खास सीटों में शुमार है। इसे बांद्रा के नाम से भी जाना जाता है। यह मुंबई उत्तर मध्य लोकसभा सीट का हिस्सा है। 2019 में यहां सिर्फ 30.28 फीसदी वोटिंग हुई थी। कांग्रेस के जीशान जियाउद्दीन सिद्दीकी यहां से जीते थे। जिन्होंने शिवसेना के विश्वनाथ पांडुरंग महादेवेश्वर को 5790 वोटों से शिकस्त दी थी।
इस बार यहां से एनसीपी (शरद गुट) के टिकट पर जीशान सिद्दीकी का मनसे की उम्मीदवार तृप्ति बाला सावंत से मुकाबला रहा। शिवसेना (UBT) ने यहां से वरुण सरदेसाई और शिवसेना (शिंदे गुट) ने कुणाल सरमलकर पर दांव खेला था। जीशान सिद्दीकी बाबा सिद्दीकी के बेटे हैं, जिनका कुछ समय पहले मर्डर कर दिया गया था। हत्या के बाद देशभर में लॉरेंस बिश्नोई गैंग चर्चित हुआ था। जीशान यहां से मौजूदा विधायक भी हैं।
तृप्ति इससे पहले विधायक रह चुकी हैं। लेकिन शिंदे गुट के कुणाल और उद्धव गुट के वरुण के मैदान में उतरने से मुकाबला रोचक हो चुका था। यहां से जीशान सिद्दीकी की साख भी दांव पर थी। इस सीट पर 10 फीसदी दलित, 38 फीसदी मराठी, 19 फीसदी अन्य और 33 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं। यहां से 5 मुस्लिमों समेत 15 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे। बहुजन अघाड़ी से लड़ रहे प्रतीक जाधव के समीकरण भी ठीकठाक रहे। वहीं, आजाद महमूद देशमुख, शब्बीर अब्दुल रहमान शेख ने फाइट को रोचक बना दिया। 2015 में इस सीट पर उपचुनाव में तृप्ति प्रकाश की जीत हुई थी।
उनके सामने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे भी हार गए थे। लेकिन 2019 में बाबा सिद्दीकी के बेटे यहां से जीते। इसके बाद तृप्ति बीजेपी में शामिल हो गई थीं और बाद में मनसे में चली गईं। 2009 और 2014 के चुनावों में यहां शिवसेना का दबदबा रहा था। प्रकाश सावंत ने लगातार दो बार जीत हासिल की थी।