महाराष्ट्र में Exit Poll के नतीजों में BJP गठबंधन को बढ़त क्यों? जानें 5 बड़े कारण
Maharashtra Exit Poll Result: झारखंड की 81 और महाराष्ट्र की 288 सीटों पर बुधवार को वोटिंग हो गई। अब सभी को नतीजों को इंतजार है। महाराष्ट्र में बीजेपी की अगुवाई वाले महायुति और कांग्रेस की अगुवाई वाले महाविकास अघाड़ी में जबरदस्त टक्कर देखने को मिली। एग्जिट पोल के नतीजे भी दोनों राज्यों को चौंका रहे हैं। पोल ऑफ पोल्स के अनुसार महाराष्ट्र में MVA को 123-140 और महायुति को 135-157 सीटें मिलने के आसार है।
क्या कहते हैं एग्जिट पोल के नतीजे
मार्टिराइज के एग्जिट पोल के अनुसार महायुति गठबंधन को 150 से 170 सीटें मिल सकती है। जबकि महाविकास अघाड़ी गठबंधन को 110 से 130 सीटें मिल सकती है। वहीं अन्य को 8-10 से सीटें मिल सकती हैं। चाणक्य के एग्जिट पोल में महायुति गठबंधन को 152-160 सीटें, महाविकास अघाड़ी गठबंधन को 130 से 138 और अन्य को 6-8 सीटें मिल सकती हैं।
पीएमआरक्यू के एग्जिट पोल में महाराष्ट्र में महायुति को 137-157 सीटें, महाविकास अघाड़ी को 126 से 146 और अन्य को 2-8 सीटों का अनुमान है। ऐसे में अब आइये जानते हैं महायुति को बढ़त मिलने के क्या कारण है?
1. महाविकास अघाड़ी में सीटों को लेकर तालमेल की कमी दिखी। शुरुआत से ही तीनों दलों में सीट बंटवारे को लेकर तनातनी दिखी। विशेष तौर पर कांग्रेस और शिवसेना के बीच। विदर्भ में कांग्रेस अधिक सीटें चाहती थी, जबकि मुंबई में शिवसेना अधिक सीटों की मांग कर रही थी। इस दौरान जाया हुआ समय महाविकास अघाड़ी को नुकसान पहुंचा सकता है।
2. बीजेपी को हरियाणा चुनाव में जीत का फायदा महाराष्ट्र में भी मिलेगा। पार्टी के नेता हरियाणा की जीत से उत्साहित थे, ऐसे में उन्होंने पूरे दमखम से महाराष्ट्र चुनाव लड़ा। बीजेपी ने विपक्ष के जातीय जनगणना और संविधान खत्म करने वाले मुद्दे का जवाब बंटेंगे तो कटेंगे और एक हैं तो सेफ हैं जैसे नारों से दिया। इससे महाविकास अघाड़ी गठबंधन आखिर तक यही समझाता रह गया कि कौन सेफ हैं और कौन सेफ नहीं। यानि बीजेपी ने कांग्रेस को अपनी पिच पर खेलने को मजबूर किया। जबकि लोकसभा चुनाव में ठीक इसके उलट था।
3. बीजेपी की आक्रामक चुनाव प्रचार की रणनीति के कारण महाराष्ट्र में पार्टी को सफलता मिल सकती है। बंटेंगे तो कटेंगे और बाद में पीएम मोदी के एक हैं तो सेफ हैं ने ओबीसी और हिंदू वोटों के एकीकरण में अहम भूमिका हो सकती है।
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4. चुनाव के दौरान आरएसएस के 70 से अधिक संगठनों ने पूरे प्रदेश में जमकर प्रचार किया। इसके बाद वोटिंग के दिन बीजेपी के वोटर को बूथ तक लाने का काम किया। ऐसे में बीजेपी को इसका फायदा मिल सकता है। सरकार की लाडकी बहना योजना से महिला वर्ग काफी खुश था। ऐसे में महायुति को यहां पर फायदा मिलते हुए नजर आ रहा है।
5. महाराष्ट्र चुनाव में पिछले चुनाव के मुकाबले 4 प्रतिशत वोटिंग ज्यादा हुई है। इसका सीधा सा मतलब है कि बीजेपी को फायदा हो सकता है। हालांकि 2009 के चुनाव में भी 4 प्रतिशत वोटिंग बढ़ी थी। तब सत्ता बदल गई। हालांकि इस बार इसकी संभावना कम ही लगती है। बीजेपी के वोटर्स को घर से निकालने में आरएसएस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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