Opinion: आजकल बढ़ रहा है 'लव एट फर्स्ट साइट, डाइवोर्स एट फर्स्ट फाइट' का खतरनाक चलन
Right Age for Marriage: आजकल हर तरफ अतुल सुभाष की आत्महत्या की चर्चा हो रही है। इस पर हर कोई अपने तरीके से टिप्पणी दे रहा है लेकिन सच यह है कि एक प्रतिभाशाली युवा आज हमारे बीच नहीं है। आज ग्लोबलाइजेशन के दौर में "लव एट फर्स्ट साइट डाइवोर्स एट फर्स्ट फाइट" का चलन बढ़ता जा रहा है। अगर शादी के बाद होने वाली समस्याओं के बारे में विस्तार से बात की जाए तो आज संयुक्त परिवार का सिस्टम खत्म होता जा रहा है और लड़का हो या लड़की अपना करियर बनाने में लगा हुआ है इसके चलते शादी की उम्र में परिवर्तन हो गया है। पहले जंहा शादी जल्दी होती थी वहीं आजकल शादी की उम्र 25 से 30 या 30 के बाद एक सामान्य सी बात है।
कम उम्र की शादी में एडजस्ट करना आसान!
इस उम्र का महत्त्व इसलिए बहुत है क्योंकि जब हम कम उम्र के होते है तो नए परिवार में ढलने या दूसरे के हिसाब से एडजस्ट करना आसान हो जाता है जबकि पक्की उम्र यानी 25 से 30 साल के बाद अपनी आदतें, पसंद, नापसंद आदि बदलना दोनों के ही लिए बहुत मुश्किल हो जाता है। शायद ये ही कारण है कि आज के युवा शादी के नाम से ही घबरा जाते हैं और स्ट्रेस में आ जाते हैं और शादी के लिए हां नहीं करते। इसके अलावा हमारे देश में शादी के लिए लड़के और लड़की दोनों की तरफ से सबसे पहले फाइनेंशियल स्टेटस देखा जाता है उसके बाद खूबसूरती देखी जाती है।
मेरे हिसाब से कुंडली मिलाने से ज्यादा जरूरी होता है कि दोनों की वैल्यू और संस्कार का मिलान किया जाए और एक दूसरे से एक्सपेक्टेशन्स को भी सुना जाए और उसके बाद कम्पेटिबिलिटी चेक करनी चाहिए। हम लोग प्रीमैरिटल काउंसलिंग में बॉय औक गर्ल की इमीडिएट फैमिली माता पिता व भाई बहन और उनके पति व पत्नी से भी मिलना जरूरी समझते हैं क्योंकि उन सबकी एनालिसिस के बाद ही निर्णय लेना सरल हो जाता है।
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समय रहते शादी का फैसला लेना जरूरी
अब अगर मैं युवाओं से विवाह के बारे में बात करूं तो सबसे पहले यह बताना जरूरी है कि जीवन में विवाह एक महत्वपूर्ण निर्णय है और अगर आपको सही पार्टनर मिल जाए तो आप अपने आपको भग्यशाली मानते हैं लेकिन अगर कभी ऐसा नहीं होता तो जितना जल्दी हो निर्णय ले लेना चाहिए क्योंकि स्ट्रेस की स्थिति आपके लिए अच्छी नहीं है। इसलिए निर्णय लेते समय इमोशन के साथ दिमाग का भी प्रयोग करें ताकि आगे चल के पछताना न पड़े।
विवाह का निर्णय जल्दबाजी में तो बिलकुल नहीं लेना चाहिए। लड़का और लड़की को अपने पार्टनर से क्या उम्मीदें हैं या क्या क्वालिटीज पार्टनर में चाहते हैं उसके बारे में सोच कर फैसला करें।
एक और सुविधा जो आजकल उपलब्ध है जिसका प्रयोग कुछ लोग करते हैं तो कुछ लोगों को पता भी नहीं होता जिसको वेरिफिकेशन सर्विसेज कहते हैं। ये एक एजेंसी है जो संभावित लड़के या लड़की के बारे में, उनके परिवार के बारे में सीक्रेट तरीके से सारी इनफार्मेशन निकालती है जैसे कि उनकी संगत, आदतें, फाइनेंशियल पोजीशन और समाज में उनकी रेपुटेशन आदि।
कुछ लोग मेरी बात से सहमत हो और शायद कुछ सहमत न हो लेकिन अगर निर्णय लेने से पहले यह सब इनफार्मेशन मिल जाए तो आपको सही निर्णय लेने में बहुत आसानी होगी। विवाह का निर्णय या तो आपको कम्पलीट कर देता है अगर पार्टनर अच्छा मिल जाए और अगर पार्टनर अच्छा न मिले तो आपकी जिंदगी खत्म सी हो जाती है।
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