गोवा में 2 समुदाय के बीच झड़प ने बढ़ाई मुख्यमंत्री की सिरदर्दी, राज्य में चढ़ा सियासी पारा
Goa Rudreshwar Temple Bhandari Samaj Clash: गोवा में चुनावी माहौल के बीच गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के लिए झड़प की यह घटना सिरदर्द बनी हुई है, क्योंकि यह झड़प उनके चुनावी क्षेत्र संक्वेलिम में हुई है। दरअसल बीते रविवार को संक्वेलिम के रुद्रेश्वर मंदिर में पालखी उत्सव का आयोजन किया गया था। रुद्रेश्वर मंदिर भंडारी समाज का बड़ा मंदिर है और इस मंदिर में भंडारी समाज की गहरी आस्था है।
भंडारी समाज की नाराजगी
भंडारी समाज के लोगों का कहना है कि उत्सव में कुछ असामाजिक तत्वों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की है। पालखी की यात्रा के दौरान कुछ उपद्रवियों ने बहस शुरू कर दी, जो इस यात्रा में शामिल थे। बहस से शुरू हुई यह लड़ाई बढ़ती गई, इसके साथ ही मामला मारपीट और पथराव तक पहुंच गया। भंडारी समाज का कहना है कि मौके पर पुलिस बढ़ी संख्या में मौजूद थी। पहले तो पुलिस मुख दर्शक बनी रही, लेकिन जब हालात बिगड़ने लगे तो एक्शन में आई। भंडारी समाज की नाराज़गी इसलिए है कि पुलिस ने उनके लोगों पर ही कार्रवाई की। जबकि उपद्रव मचाने वालों को संरक्षण दे रही थी।
विपक्ष का मुख्यमंत्री पर हमला
भंडारी समाज के अनुसार, पुलिस ने यात्रा में शामिल लोगों को ही हिरासत में लिया। इसके अलावा लाठी और जूते पहन मंदिर में दाखिल हो गए। उन्होंने बताया कि महिलाओं और बच्चों के साथ भी बदसलूकी की गई। हालांकि, इस मामले में पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है, लेकिन इस मामले में भंडारी समाज अपने आप को, आस्था पर चोट के साथ अपमानित महसूस कर रहा है। जो कि मंदिर और घटना प्रमोद सावंत के क्षेत्र की है, इसलिए विपक्ष को मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत पर हमला करने का मौका मिल गया।
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राज्य सरकार पर AAP का निशाना
आम आदमी पार्टी के गोवा इकाई के प्रमुख अमित पालेकर ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, पुलिस का यह कृत्य न केवल भंडारी समाज के खिलाफ है, बल्कि बड़े पैमाने पर हिंदू संस्कृति के खिलाफ भी है।
हालांकि, जब झड़प हुई तो पुलिस मौजूद थी, लेकिन उन्होंने लड़ाई को रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। इससे पता चलता है कि सीएम सावंत राज्य में हिंदू समुदाय को उसी तरह विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं, जिस तरह बीजेपी पूरे देश में कर रही है।
कांग्रेस ने घटना की निंदा
वही कांग्रेस ने भी इस घटना की निंदा की है। झड़प को राज्य में कानून व्यवस्था की विफलता बताया और भाजपा पर सियासी रणनीति के तहत 2 समाज के बीच तनावपूर्ण माहौल बनाने का आरोप लगाया है। बता दें कि गोवा में भंडारी समाज एक बड़ा वोट बैंक है, और मुख्य रूप से भंडारी समाज को भाजपा का वोटबैंक माना जाता है। यही वजह है कि झड़प की यह घटना राजनीतिक रूप ले चुकी है।