पंजाब में सियासी भूचाल, सुखबीर ने बड़े बादल के साथी रहे 8 नेताओं को पार्टी से निकाला; जानें वजह
Punjab News: पंजाब की राजनीति गर्माई हुई है। Shiromani Akali Dal के सुप्रीमो सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी के 8 बड़े नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इन सभी नेताओं पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते गाज गिरी है। फैसले के बाद पंजाब की राजनीति में सियासी तूफान देखने को मिल रहा है। अधिकतर नेता बड़े बादल (पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल) के समय के हैं। 30 जुलाई को जिन नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया गया है, उनमें पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की पूर्व अध्यक्ष बीबी जगीर कौर जैसे नाम शामिल हैं। जो पंजाब के दिग्गज नेता माने जाते हैं।
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बताया जा रहा है कि ये नेता अकाली दल में बगावती तेवर अपनाए हुए थे। जो लगातार शिरोमणि अकाली दल सुप्रीमो के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। पार्टी की ओर से बताया गया है कि अनुशासन समिति ने कुछ वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ साजिश रचने की कोशिश के बाद कार्रवाई की है। ये लोग पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त थे। बता दें कि जिन नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया गया है, उनमें चंदूमाजरा, कौर के अलावा पूर्व विधायक गुरप्रताप सिंह वडाला, परमिंदर सिंह ढींढसा, सुरजीत सिंह रखड़ा और सिकंदर सिंह मलूका शामिल हैं। वहीं, चरणजीत सिंह बराड़ और सुरिंदर सिंह ठेकेदार को भी निकाल दिया गया है।
The Shiromani Akali Dal expelled eight leaders, including former MP Prem Singh Chandumajra and ex-SGPC chief Bibi Jagir Kaur, who had revolted against party chief Sukhbir Singh Badal. pic.twitter.com/CMw7hHY0Ez
— Manish Pangotra🇮🇳 (@ManishPangotra5) July 30, 2024
पंजाब में अकाली दल ने जीती है सिर्फ एक सीट
अकाली दल की अनुशासनात्मक समिति के हेड बलविंदर सिंह भुंदड़ के अनुसार ये लोग पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा रहे थे। जिसके बाद कार्रवाई की गई है। ये सभी सीनियर लीडर थे, जिन्होंने सुखबीर के खिलाफ ही मोर्चा खोल रखा था। पंजाब में लोकसभा चुनाव में अकाली दल ने काफी खराब प्रदर्शन किया था। पार्टी ने सिर्फ एक ही सीट जीती है। सुखबीर की पत्नी हरसिमरत कौर बादल बठिंडा से चुनाव जीतने में कामयाब रही हैं। जिसके बाद इन नेताओं ने सुखबीर बादल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। सुखबीर से पार्टी प्रमुख का पद छोड़ने की मांग की गई थी। सरवन सिंह फिल्लौर और सुच्चा सिंह छोटेपुर भी इनमें शामिल थे। उनके खिलाफ फिलहाल कार्रवाई नहीं हुई है।
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