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क्या रद्द हो सकती है चरणजीत चन्नी की संसद सदस्यता? हाईकोर्ट में दायर हुई याचिका

Punjab Politics: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने हालिया लोकसभा चुनाव जालंधर सीट से लड़कर जीत हासिल की थी। लेकिन, अब भाजपा के एक नेता ने उनकी जीत को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है।
05:46 PM Jul 31, 2024 IST | Gaurav Pandey
क्या रद्द हो सकती है चरणजीत चन्नी की संसद सदस्यता  हाईकोर्ट में दायर हुई याचिका
Congress MP Charanjit Singh Channi

Charanjit Singh Channi In Crisis : पंजाब के जालंधर से सांसद और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं। दरअसल, चन्नी के खिलाफ पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें उनकी लोकसभा चुनाव में जीत को चुनौती दी गई है। चन्नी के खिलाफ ये शिकायत भाजपा के गौरव लूथरा ने दाखिल की है। लूथरा ने कहा कि चुनावों में खर्च को लेकर कई गाइडलाइन जारी होती हैं। लेकिन ग्राउंड पर ब्यूरोक्रेट्स और पॉलिटिशियंस में फ्रेंडली मैच सेट हो जाता है।

लूथरा ने आगे कहा कि राजनेता खुला खर्च करते हैं, लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने चन्नी पर आरोप लगाए कि सांसद ने खर्च का पूरा हिसाब नहीं बताया है। लूथरा ने कहा कि गाइलाइंस का सही से पालन न किए जाने को उन्होंने सबूतों के साथ हाईकोर्ट में पिटीशन दायर की थी। जिसका हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि 10 जुलाई को पिटीशन दायर की गई थी। जिसके बाद 26 जुलाई को कुछ खामियां पाए जाने के बाद जरूरी डाक्यूमेंट्स लगाए गए थे। अब हाईकोर्ट में 12 अगस्त को इस याचिका पर सुनवाई होगी।

क्या-क्या बोले लूथरा?

गौरव लूथरा ने कहा कि हाईकोर्ट ने जालंधर चुनाव अधिकारी के माध्यम से ईवीएम को सुरक्षित रखने सहित सभी रिकॉर्ड मेनटेन करने के लिए कहा है। इस मामले में पार्टी और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया जा चुका है। लूथरा ने बताया कि चुनाव से पहले ही जालंधर के चुनाव अधिकारी को शिकायत कर दी थी, लेकिन कोई सुनवाई न होने के चलते अब हाईकोर्ट का रुख करना पड़ा है। लूथरा ने कहा कि चन्नी कोई आम व्यक्ति नहीं है वह पूर्व सीएम रह चुके है। ऐसे में उन्हें चुनाव आयोग की गाइलाइंस का पूरा पालन करना चाहिए था।

बता दें कि चुनाव खत्म होने के 45 दिनों के बाद ईवीएम को इलेक्शन कमीशन की परमिशन के बाद स्ट्रांग रूम से वेयर हाउस में शिफ्ट करना होता है। लेकिन हाईकोर्ट ने जालंधर में चुनाव तहसीलदार को ईवीएम को वेयर हाउस में शिफ्ट न करने के आदेश दिए हैं।

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