पंजाब के राज्यपाल से मिला AAP प्रतिनिधिमंडल, धान लिफ्टिंग को लेकर कैबिनेट मंत्रियों ने की हस्तक्षेप की मांग
AAP Delegation Met Punjab Governor: पंजाब के कैबिनेट मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा, हरजोत सिंह बैंस और हरदीप सिंह मुंडियां ने सोमवार को पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया को एक ज्ञापन सौंपकर पंजाब से चावल उठाने में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार के साथ हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया।
बाद में मीडिया से बातचीत करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल को केंद्र सरकार द्वारा शैलर से चावल उठाने में की जा रही देरी के बारे में बताया है, जिससे अनाज मंडियों से धान उठाने में दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने कहा कि ज्ञापन में धान से चावल की कम पैदावार की समस्या को भी उजागर किया गया है, जिसके लिए राज्यपाल से केंद्र सरकार से तत्काल समाधान की मांग करने का आग्रह किया गया है।
वित्त मंत्री चीमा ने कहा कि भाजपा नेताओं द्वारा 40,000 करोड़ रुपये की सीसीएल सीमा का दावा जमीनी हकीकत की समझ की कमी को दिखाता है, क्योंकि हर साल धान-गेहूं के मौसम में सीसीएल सीमा निर्धारित की जाती है।
Today, Punjab Ministers @HarpalCheemaMLA, @harjotbains, and Hardeep Singh Mundian demanded Governor Kataria’s intervention as the BJP-led Union Govt drags its feet on rice lifting, punishing Punjab’s farmers for standing up against injustice!
With Punjab contributing 40% of… pic.twitter.com/ULDFnpWVPk
— AAP Punjab (@AAPPunjab) October 28, 2024
उन्होंने कहा कि सीसीएल सीमा में कभी-कभी 600 करोड़ रुपये से लेकर 1,000 करोड़ रुपये तक का अंतर होता है, जिसका नुकसान पंजाब सरकार, आढ़तियों या ट्रांसपोर्टरों को उठाना पड़ता है। इस साल अनुमानित नुकसान करीब 800 करोड़ रुपये है।
मंत्री चीमा ने जोर देकर कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा केंद्र सरकार को लिखे गए पत्रों और खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री लाल चंद कटारूचक तथा केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रहलाद जोशी के बीच हुई बैठकों के बावजूद केंद्र सरकार ने पंजाब के किसानों से बदले की भावना से प्रेरित होकर राज्य से चावल नहीं उठाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने राज्य में डीएपी की कमी को दूर करने के लिए केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा से भी मुलाकात की और जल्द समाधान का आग्रह किया।
कैबिनेट मंत्री चीमा ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर तीन काले कानूनों का विरोध करने वाले पंजाब के किसानों को दंडित करने और राज्य के किसानों, आढ़तियों और शैलर मालिकों को बदनाम करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
उन्होंने केंद्र सरकार को याद दिलाया कि पंजाब के किसान केंद्रीय पूल में 40% गेहूं और 22% चावल का योगदान देते हैं, जो उनकी कड़ी मेहनत का प्रमाण है। हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब लंबे समय से भारत का खाद्यान्न भंडार रहा है; पंजाब के किसानों के अधिकारों को नजरअंदाज करना अन्यायपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राज्य ने लगातार केंद्रीय खाद्य भंडार में सबसे बड़ा हिस्सा दिया है।
मंत्री चीमा ने दोहराया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने बताया कि धान की खरीद प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए राज्य सरकार के सभी मंत्री अनाज मंडियों का दौरा कर रहे हैं। वित्त मंत्री चीमा ने उम्मीद जताई कि पंजाब के राज्यपाल केंद्र सरकार के सामने राज्य का पक्ष मजबूती से रखेंगे।
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