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पंजाब का लक्ष्य खनिज शोध में विविधता लाना है, कैबिनेट मंत्री चेतन सिंह जौरामाजरा का दावा

Mineral Exploration Workshop: पंजाब के खनन एवं भूविज्ञान मंत्री चेतन सिंह जौरामाजरा ने राज्य के खनिज अन्वेषण प्रयासों में आमूलचूल परिवर्तन तथा सरकारी और निजी संस्थाओं से रेत और बजरी जैसे पारंपरिक संसाधनों से आगे देखने का जोर दिया।
05:16 PM Sep 21, 2024 IST | Deepti Sharma
पंजाब का लक्ष्य खनिज शोध में विविधता लाना है  कैबिनेट मंत्री चेतन सिंह जौरामाजरा का दावा
Minister Chetan Singh Joramajra

Mineral Exploration Workshop: पंजाब के खनन मंत्री चेतन सिंह जौरामाजरा ने राज्य के खनिज अन्वेषण प्रयासों में आमूलचूल परिवर्तन का आह्वान किया। उन्होंने सरकारी और निजी दोनों संस्थाओं से रेत और बजरी जैसे पारंपरिक संसाधनों से आगे देखने का आग्रह किया। डिपार्टमेंट ऑफ माइंस एंड जियोलॉजी द्वारा राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट (National Mineral Exploration Trust) के सहयोग से आयोजित "खनिज अन्वेषण" पर वर्कशॉप के दौरान बोलते हुए कैबिनेट मंत्री ने हाल की खोजों पर प्रकाश डाला तथा क्षेत्र में और ज्यादा खनिज संपदा की संभावना पर बल दिया।

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जुलाई 2022 में पंजाब सरकार के जियोलॉजिस्ट द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट का हवाला देते हुए, जिसमें श्री मुक्तसर साहिब जिले के कबरवाला गांव में 6 मिलियन टन पोटेशियम का महत्वपूर्ण भंडार पाया गया था, पंजाब को भारत का चौथा राज्य बताते हुए कहा कि पोटेशियम का ज़्यादातर इस्तेमाल फर्टिलाइजर्स के लिए किया जाता है और देश में 99% पोटेशियम का इंपोर्ट किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में शोध के अनुसार, पंजाब देश का चौथा राज्य है जहां पोटेशियम की खोज की गई है। कैबिनेट मंत्री ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई कि वह न केवल नागरिकों के लिए किफायती निर्माण सामग्री सुनिश्चित करेगी बल्कि खनन क्षेत्र में नवाचार और अनुसंधान को भी बढ़ावा देगी। उन्होंने सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों के जियोलॉजिस्ट से हाई वैल्यू वाले खनिजों की खोज पर अपना ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया, इसे पंजाब की आर्थिक मजबूती और राष्ट्रीय प्रगति के लिए मुख्य स्रोत के रूप में देखा।

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पंजाब आर्थिक रूप से मजबूत होगा

उन्होंने कहा कि इस दिशा में आगे बढ़ने तथा निजी कम्पनियों के माध्यम से भी एक्सप्लोरेशन वर्क कराने के लिए यह आयोजन किया गया है। उन्होंने सरकारी और निजी क्षेत्र के जियोलॉजिस्ट से निवेदन किया कि वे बहुमूल्य खनिजों के अन्वेषण कार्य पर खास ध्यान दें, जिससे पंजाब आर्थिक रूप से मजबूत होगा और राज्य तथा देश की प्रगति में योगदान देगा।

कैबिनेट मंत्री ने विभाग के अधिकारियों को इस क्षेत्र में नये आयाम स्थापित करने के लिए भारत सरकार के खनन मंत्रालय के साथ निरंतर संपर्क बनाए रखने के लिए भी कहा ताकि अनुसंधान गतिविधियों में कोई रुकावट न आए। कार्यशाला में भाग लेने वाले अन्य गणमान्य व्यक्तियों में पंजाब के खान एवं भूविज्ञान सचिव गुरकीरत कृपाल सिंह, जीएसआई के उप महानिदेशक डॉ. गुप्ता, खान मंत्रालय के एनएमईटी की अधीक्षण भूविज्ञानी अंजू सीएस और पंजाब के खनन विभाग के मुख्य अभियंता डॉ. हरिंदर पाल सिंह बेदी शामिल थे।

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पहली तकनीकी सत्र का संचालन जीएसआई के निदेशक एके तलवार ने किया, जिन्होंने पंजाब में जीएसआई द्वारा पोटाश के लिए किए गए अन्वेषण पर बात की तथा पंजाब में पोटाश के अन्वेषण की वर्तमान और भविष्य की संभावनाओं को साझा किया। दूसरे तकनीकी सत्र का संचालन जीएसआई की निदेशक अपराजिता भट्टाचार्य ने किया, जिन्होंने “पर्यावरण अध्ययन पर राष्ट्रीय भू-रासायनिक मानचित्रण” पर बात की। तकनीकी सत्र के बाद एनपीईए और अन्य विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ बातचीत हुई।

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