नवजोत सिद्धू क्या BJP जॉइन करेंगे? पत्नी-बेटी की इस नेता से मुलाकात ने दिए संकेत
Navjot Sidhu BJP Joining Speculations: क्या नवजोत सिद्धू फिर से भाजपा में वापसी करने जा रहे हैं? नवजोत सिद्धू के भाजपा जॉइन करने की अटकलें लगी हुई हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि नवजोत सिद्धू भाजपा जॉइन करेंगे और यह कयास इसलिए लग रहे हैं, क्योंकि हाल ही में उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू और बेटी राबिया सिद्धू ने भाजपा नेता तरनजीत सिंह संधू से मुलाकात की।
इस मीटिंग के बाद ही सियासी गलियारों में चर्चा गरम है कि सिद्धू दंपति भाजपा में वापसी करने वाले हैं, जबकि वे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए थे, लेकिन पिछले काफी समय से नवजोत सिद्धू कांग्रेस में 'गायब' हैं। इस वजह से उनके राजनीतिक करियर पर सवाल उठ रहे थे, लेकिन इस बीच नई चर्चा ने पंजाब की राजनीति में भूचाल ला दिया है, जबकि इस भूचाल का अंजाम भविष्य के गर्त में है।
तरनजीत सिंह संधू के साथ नवजोत कौर और राबिया सिद्धू।
मीटिंग की फोटो आई सामने
बता दें कि तरनजीत सिंह संधू से नवजोत कौर सिद्धू और राबिया सिद्धू की मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। यह फोटो तरनजीत सिंह संधू ने शेयर की और फोटो को कैप्शन दिया कि समुद्री हाउस में डॉ. नवजोत कौर सिद्धू और उनकी बेटी से मुलाकात। अमृतसर से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई और काफी सुखद अनुभव रहा।
इस फोटो को देखकर ही कयास लगाए जा रहे हैं कि सिद्धू दंपति भाजपा जॉइन करेगा, क्योंकि तरनजीत सिंह संधू भाजपा हाईकमान के करीबी हैं और इस मुलाकात से चर्चा है कि तरनजीत सिद्धू दंपति की वापसी भाजपा में करा सकते हैं। हालांकि अभी सियासी गलियारों में सिर्फ चर्चा है, लेकिन इस फोटो को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि मुलाकात वाकई काफी खुशनुमा माहौल में हुई है। अब इस मुलाकात में चर्चा क्या हुई? यह तो तीनों लोग ही बता सकते हैं।
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सिद्धू दपंति का राजनीतिक करियर
बता दें कि नवजोत सिद्धू ने साल 2004 में पहली बार चुनाव लड़ा था। उन्होंने अमृतसर से भाजपा की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा और कांग्रेस नेता रघुनंदन लाल भाटिया को हराकर सांसद बने। 2007 में नवजोत कौर सिद्धू ने नवजोत सिद्धू के प्रचार की कमान संभाली और साल 2012 में राजनीति में एंट्री की। नवजोत कौर सिद्धू ने 2012 का विधानसभा चुनाव भाजपा की टिकट पर लड़ा और विधायक बनीं।
उस समय अकाली-भाजपा गठबंधन था तो भाजपा हाईकमान ने नवजोत कौर को अकाली-भाजपा सरकार का मुख्य संसदीय सचिव बनाया। 2014 के लोकसभा चुनाव में चुनाव टिकट नहीं मिलने पर नवजोत सिद्धू ने साल 2016 में भाजपा छोड़ दी। उनकी जगह अरुण जेटली को चुनाव टिकट दिया गया था। नवजोत सिद्धू को राज्यसभा भेजा गया, लेकिन फिर भी सिद्धू ने भाजपा छोड़ दी।
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कांग्रेस में 2 मुख्यमंत्रियों से मतभेद
साल 2017 में नवजोत सिद्धू ने कांग्रेस जॉइन की। उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर अमृतसर पूर्वी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा। चुनाव जीतकर वे मंत्री बने, लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह से उनका मतभेद हो गया। इस वजह से साल 2019 सिद्धू ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस ने साल 2021 में नवजोत सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया, लेकिन सिद्धू के साथ तल्खियां बढ़ने पर कैप्टन ने मुख्यमंत्री पद त्याग दिया।
अचानक उठे सियासी भूचाल को कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर शांत किया, लेकिन सिद्धू इससे नाराज दिखे। नवजोत सिद्धू और चरणजीत चन्नी में भी मतभेद हो गए। इस तरह विवाद होने से कांग्रेस में अंतर्कलह बढ़ती गई। परिणामस्वरूप साल 2022 में पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बन गई। कांग्रेस ने हार का ठीकरा नवजोत सिद्धू पर फोड़ा।
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