पंजाब मंत्री बलजीत कौर ने की केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी से खास बातचीत, प्रदेशवासियों के लिए की ये मांग
Punjab Cabinet Minister Dr Baljit Kaur: पंजाब की भगवंत मान सरकार द्वारा प्रदेश के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। इसके लिए मान सरकार द्वारा कई योजनाएं भी शुरू की गई हैं। हाल ही में पंजाब की सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने केंद्रीय मंत्री से पंजाब में महिलाओं और बच्चों के कल्याण कार्यक्रमों को मजबूत करने के लिए महिला और बाल विकास मंत्रालय की तरफ से वित्तीय और परिचालन सहायता बढ़ाने की मांग की है।
ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਭਗਵੰਤ ਸਿੰਘ ਮਾਨ ਦੀ ਅਗਵਾਈ ਵਾਲੀ ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਸਮਾਜ ਦੇ ਪਿਛੜੇ ਵਰਗਾਂ ਦੀ ਭਲਾਈ ਅਤੇ ਸੁਰੱਖਿਆ ਲਈ ਵਚਨਬੱਧ ਹੈ। ਇਸੇ ਲੜੀ ਤਹਿਤ, ਸਮਾਜਿਕ ਨਿਆਂ, ਅਧਿਕਾਰਤਾ ਅਤੇ ਘੱਟ ਗਿਣਤੀ ਬਾਰੇ ਮੰਤਰੀ ਡਾ. ਬਲਜੀਤ ਕੌਰ ਦੀ ਪ੍ਰਧਾਨਗੀ ਹੇਠ ਅੱਤਿਆਚਾਰ ਐਕਟ, 1989 ਨੂੰ ਲਾਗੂ ਕਰਨ ਅਤੇ ਹਾਸ਼ੀਏ 'ਤੇ ਪਏ ਭਾਈਚਾਰਿਆਂ ਨੂੰ ਉੱਚਾ ਚੁੱਕਣ ਦੇ… pic.twitter.com/lwuz6hUDQM
— Government of Punjab (@PbGovtIndia) August 6, 2024
केंद्रीय मंत्री पंजाब मंत्री बलजीत कौर की मांग
कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने इस बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री को प्रदेश के प्रमुख क्षेत्रों में हुई पर्याप्त प्रगति का अवलोकन पेश किया। इसके साथ ही उन चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला जिन पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है। इस दौरान कैबिनेट मंत्री ने पूरक पोषण कार्यक्रम (SNP) के तहत मौजूदा लागत मानदंडों की अपर्याप्तता पर जोर दिया, ताकि जरूरी सामग्री और हाई कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों को पूरा किया जा सके। इस दौरान उन्होंने केंद्रीय मंत्री से इन मानदंडों को संशोधित करने का आग्रह किया। इसके अलावा उन्होंने पोषण ट्रैकर पोषण प्रणाली से निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को बाहर रखे जाने पर प्रकाश डाला, और सभी शैक्षणिक संस्थानों में व्यापक पोषण सहायता सुनिश्चित करने के लिए उन्हें शामिल करने की वकालत की।
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आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए की यह मांग
मंत्री ने पंजाब में आंगनवाड़ी केंद्रों को प्राथमिक विद्यालयों के साथ एकीकृत करने में की गई महत्वपूर्ण प्रगति को स्वीकार किया, जिससे बुनियादी ढांचे और प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। हालांकि, उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और स्कूल शिक्षकों के बीच परिचालन ओवरलैप की ओर इशारा किया, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा होती है और सेवाओं का कम उपयोग होता है।