पंजाब वित्त मंत्री ने किया 'पंजाब विजन: 2047' कॉन्क्लेव का शुभांरभ; केंद्र सरकार को दी खास सलाह
'Punjab Vision 2047' Conclave Inaugurated: पंजाब की भगवंत मान सरकार प्रदेश के विकास के लिए लगातार काम रही है। इसके लिए ही बीते दिन पंजाब यूनिवर्सिटी में वर्ल्ड पंजाबी इंस्टीट्यूट 'पंजाब विजन: 2047' कॉन्क्लेव आयोजन किया गया है। पंजाब के वित्त, योजना, उत्पाद शुल्क और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने इस 'पंजाब विजन: 2047' कॉन्क्लेव का उद्घाटन किया। समारोह को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि देश 2047 के अपने विकास लक्ष्यों को तभी हासिल कर सकता है जब सभी राज्य विकास के रास्ते पर चलें एक साथ आगे बढ़ें। इसके लिए केंद्र सरकार को सहकारी संघवाद और संरचनात्मक सुधारों पर जोर देना चाहिए।
Punjab Vision : 2047 🌟
At the #PunjabVision2047 Conclave, FM @HarpalCheemaMLA calls for cooperative federalism & essential reforms.
MP @raghav_chadha shares a 10-point vision for a sustainable, resilient Punjab by 2047, while @vikramsahney highlights the power of… pic.twitter.com/QvDQ0G8BUl
— AAP Punjab (@AAPPunjab) November 12, 2024
केंद्र सरकार को पंजाब वित्त मंत्री की खास सलाह
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि भारत 2047 में आजादी का 100वां साल मनाएगा। इसके लिए भारत सरकार को समाधान के साथ आना चाहिए ताकि कोई भी राज्य इस यात्रा में पीछे न रह जाए। इस दौरान उन्होंने आज के जीएसटी सिस्टम के कारण राज्यों को होने वाले राजस्व घाटे बारे में बताया। उन्होंने ने कहा कि केंद्र सरकार को जीएसटी, कृषि, पर्यावरण और औद्योगिक नीतियों में सुधारों पर खास ध्यान देना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि GST सिस्टम लागू होने के बाद राज्य के खरीद कर की जगह जीएसटी ले ली। जिसके वजह से पंजाब को वार्षिक राजस्व में 5,000 से 7,000 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ है।
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'पंजाब विजन: 2047' की सराहना
वित्त मंत्री चीमा ने 'पंजाब विजन: 2047' पहल की सराहना की और कहा कि शिखर सम्मेलन की चर्चाओं और परिणामों से राज्य के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए नीतियों का मसौदा तैयार करने में मदद मिलेगी। उन्होंने पंजाब सरकार द्वारा औद्योगिक विकास नीति, साहसिक पर्यटन नीति, जलीय पर्यटन नीति, जैव ईंधन नीति आदि सहित उठाए गए सक्रिय कदमों का भी उल्लेख किया, जिन्हें इन क्षेत्रों के विकास को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक नियामक ढांचा लाने के लिए लागू किया गया है।