पंजाब के किसानों को होगा दोगुना फायदा! मान सरकार ने लॉन्च किया सिल्क प्रोडक्ट का ब्रांड Logo
Punjab Govt Silk Launch Product Brand Logo: पंजाब की भगवंत मान सरकार प्रदेश के विकास के लिए लगातार काम कर रही हैं। इसके साथ ही पंजाब सरकार राज्य के लोगों के हित का बखूबी ध्यान दे रहे हैं। इसके साथ ही राज्य के युवाओं के लिए प्रदेश में रोजगार के मौके भी पैदा करने पर काम किया जा रहा है। इसी के तहत पंजाब की मान सरकार ने रेशम उत्पाद को लेकर एक बढ़ा फैसला किया है। राज्य सरकार ने कृषि से जुड़े प्रोडक्ट को अपने ब्रांड के तहत बेचकर किसानों की आय बढ़ाने की योजना बनाई है। इसके साथ ही मान सरकार राज्य में प्रॉड्यूस होने वाले रेशम प्रॉडक्शन को अपने खुद के ब्रांड लेबल के साथ मार्केट में लाने का एक बड़ा कदम उठाया है। इस बात की जानकारी पंजाब के बागवानी मंत्री चेतन सिंह जौरामाजरा ने दी है।
पंजाब सिल्क प्रोडक्ट का Logo लॉन्च
बागवानी मंत्री चेतन सिंह जौरामाजरा बीते दिन MGSIPA में स्टेट लेवल रेशम दिवस समारोह में शामिल हुए। यहां उन्होंने सिल्क प्रोडक्ट के लिए पंजाब विभाग का ब्रांड लोगो लॉन्च किया। इस लोगों के साथ पंजाब के सिल्क प्रोडक्ट को लेकर एक पहल की शुरुआत हुई। इसके साथ ही बागवानी मंत्री जौरामाजरा ने ऐलान किया कि 2025 के अंत तक राज्य में सिल्क प्रोडक्टशन को दोगुना करने के लिए हर संभव कोशिश की जाएगी।
ਪਿੰਡ ਰੱਖੜਾ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਪਿਛਲੇ ਕਈ ਸਾਲਾਂ ਤੋਂ ਲਟਕ ਰਹੀ ਮੰਗ ਪੂਰੀ ਕਰਦਿਆਂ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ @BhagwantMann ਜੀ ਨੇ ਬੇਅਬਾਦ ਪਏ ਖੇਡ ਸਟੇਡੀਅਮ ਨੂੰ 60 ਲੱਖ ਰੁਪਏ ਨਾਲ ਬਣਾਉਣ ਦਾ ਫ਼ੈਸਲਾ ਕੀਤਾ।
ਕੈਬਨਿਟ ਮੰਤਰੀ @jouramajra ਜੀ ਨੇ ਅੱਜ ਇਸਦਾ ਨੀਂਹ ਪੱਥਰ ਰੱਖਕੇ ਨੌਜਵਾਨਾਂ ਨੂੰ ਵੱਡਾ ਤੋਹਫ਼ਾ ਦਿੱਤਾ। ਕਿਸੇ ਵੀ ਪਿੰਡ ਨਾਲ ਨਹੀਂ… pic.twitter.com/zDakORfrk1— AAP Punjab (@AAPPunjab) September 22, 2024
रेशम की खेती
चेतन सिंह जौरामाजरा ने बताया कि होशियारपुर, रोपड़, गुरदासपुर और पठानकोट के उप-पहाड़ी जिलों के करीब 230 गांवों में रेशम उत्पादन का काम चल रहा है। इसमें 1200 से लेकर 1400 तक रेशम पालक लगे हुए हैं। पंजाब में मुख्य रूप से 2 तरह के रेशम का उत्पादन होता है। 1. बाइवोल्टाइन शहतूत और 2. एरी रेशम। इसमें शहतूत रेशम के सालाना 1000 से 1100 औंस बीज उगाए जाते हैं, जिससे 30,000 से 35,000 किलोग्राम शहतूत रेशम के कोकून का प्रोडक्टशन होता है। वहीं एरी रेशम के सालाना 200 औंस के बीज उगाए जाते हैं। इससे 5,000 से 8,000 किलोग्राम एरी रेशम के कोकून का प्रोडक्शन होता है।
यह भी पढ़ें: पंजाब का लक्ष्य खनिज शोध में विविधता लाना है, कैबिनेट मंत्री चेतन सिंह जौरामाजरा का दावा
राज्य सरकार का प्लान
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि यह बिजनेस मुख्य रूप से गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों, भूमिहीन व्यक्तियों या छोटी जोत वाले लोगों द्वारा किया जाता है। आज के समय में एक रेशम पालक 40,000 से 50,000 रुपये की साल का कमाता है, जिसे अपर्याप्त माना जाता है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए रेशम उत्पादों के सही दाम के लिए पंजाब सरकार कोकून प्रसंस्करण के लिए अपनी रीलिंग इकाइयां स्थापित करेगी। इससे किसानों को अपनी मेहनत का सही दाम मिलेगा।