पंजाब माइनिंग इंस्पेक्शन ऐप की शुरुआत, रेवेन्यू कलेक्शन पर कैबिनेट मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने कही बड़ी बात
Punjab Mining Inspection App Launch: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के गतिशील नेतृत्व में खान और भूविज्ञान विभाग ने 2024 तक उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करते हुए पारदर्शिता, दक्षता और सस्टेनेबल माइनिंग प्रथाओं में नए नमूने स्थापित किए हैं।
पंजाब के खनन एवं भूविज्ञान मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने विभाग के नागरिक-केंद्रित दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारा ध्यान खनन क्षेत्र के आधुनिकीकरण पर रहा है, इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करना है कि लाभ आम नागरिक तक पहुंचे।
उन्होंने कहा कि पंजाब माइनर मिनरल पॉलिसी 2023 के अमल करने के माध्यम से विभाग के सार्वजनिक खनन कार्यक्रम को असाधारण सफलता मिली है, जिसके तहत 73 सार्वजनिक खनन स्थल चालू हो गए हैं, जिससे राज्य को 16.07 करोड़ रुपये और स्थानीय ग्रामीणों को 13.77 करोड़ रुपये की आय हुई है, जबकि रेत की कीमतों को स्थिर रखने में भी मदद मिली है।
उन्होंने कहा कि अब तक 18.37 लाख मीट्रिक टन रेत बेची जा चुकी है, जो जनता की मांग को पूरा करने में कार्यक्रम की प्रभावशीलता को दिखाता है।
इसी तरह, वाणिज्यिक खनन में, विभाग ने 65 साइटों को कवर करने वाले 41 क्लस्टरों की सफलतापूर्वक नीलामी की है, जिससे 9 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है। विभाग 100 क्लस्टरों की नीलामी करके इस सफलता को आगे बढ़ाने की योजना बना रहा है, जिसमें 5.50 रुपये प्रति क्यूबिक फीट की किफायती बिक्री कीमतें रखी गई हैं।
गोयल ने बताया कि डिजिटल परिवर्तन प्रयासों से व्यापार करने में आसानी में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। विभाग ने बेसमेंट शुल्क को सुव्यवस्थित किया है और अपने ऑनलाइन खनन पोर्टल को "इन्वेस्ट पंजाब" के साथ एकीकृत किया है। इस एकीकरण ने स्वचालित अनुमोदन प्रणाली के माध्यम से 72 घंटों के भीतर परमिट जारी करना सुनिश्चित किया, जिससे दक्षता और पारदर्शिता दोनों में बढ़ोतरी हुई। उन्होंने कहा कि अगर प्रक्रियागत देरी होती है, तो 72 घंटे बीत जाने के बाद परमिट मंजूर हो जाता है।
अवैध खनन के खिलाफ लड़ाई तेज
खनन मंत्री बरिन्दर कुमार गोयल ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार अवैध खनन की प्रथाओं पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए प्रतिबद्ध है तथा टोल-फ्री शिकायत नंबर स्थापित करने, उप-मंडल समितियों और उड़न दस्तों के गठन सहित व्यापक उपायों के साथ अवैध खनन के खिलाफ लड़ाई तेज कर दी गई है।
Punjab’s mining sector thrives under CM @BhagwantMann & Minister @barinder_goyal:
✅ Revenue up 16.9% YoY to ₹288.75 Cr (FY 23-24)
✅ 18.37L MT sand sold at affordable rates
✅ ₹13.77 Cr for village development , ₹9 Cr from auctions
✅ 73 public mining sites operational… pic.twitter.com/DH6jwIX9hK— AAP Punjab (@AAPPunjab) December 24, 2024
उन्होंने बताया कि अप्रैल 2022 से मई 2024 के बीच विभाग ने अवैध खनन गतिविधियों में मिले हुए लोगों के खिलाफ 1,169 एफआईआर दर्ज की हैं तथा 867 चालान जारी किए गए हैं।
राजस्व संग्रह में बढ़ोतरी
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि राजस्व संग्रह में पर्याप्त वृद्धि हुई है, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में 288.75 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो वित्तीय वर्ष 2022-23 में 247 करोड़ रुपये था। आम जनता को सस्ती दरों पर ज़्यादा खनन सामग्री उपलब्ध करवाने के लिए विभाग डीएसआर में ज़्यादा से ज़्यादा साइट्स को शामिल करने और खनन योजनाओं में दिए गए डेटा को सत्यापित करने के लिए काम कर रहा है ताकि बाद में एसईआईएए/एसईएसी की ओर से किसी भी तरह की समस्या या आपत्ति को रोका जा सके, इससे समय और सरकारी संसाधनों की बहुत बर्बादी हो सकती है।
इस उद्देश्य के लिए अधीक्षण अभियंता स्तर के अधिकारियों और मुख्यालय के प्रतिनिधियों वाली समितियां बनाई गई हैं। अब तक, इन समितियों द्वारा पंजाब राज्य भर में 45 साइट का दौरा किया जा चुका है। इन साइटों के अलावा, उप-मंडल स्तर की समितियों द्वारा डीएसआर में शामिल करने के लिए कई और साइटों का दौरा किया गया है।
पंजाब माइंस इंस्पेक्शन ऐप लॉन्च
विभाग में तकनीकी प्रगति के बारे में बात करते हुए बरिंदर कुमार गोयल ने बताया कि पीबी माइंस इंस्पेक्शन ऐप के शुभारंभ के साथ टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन सबसे आगे रहा है, जो लोगों को फोटो, वीडियो या दोनों सहित मल्टीमीडिया कैपेसिटी के साथ वास्तविक समय में अवैध खनन एक्टिविटीज की रिपोर्ट करने में योग्य बनाता है।
इसके अलावा, क्रशर स्थलों पर आधुनिक तौल-कांटे और निगरानी प्रणालियां स्थापित करने के लिए लगभग 37 करोड़ रुपये की लागत वाली एक ऐतिहासिक पीपीपी पहल शुरू की गई है, जिसमें एएनपीआर, पीटीजेड कैमरे और आरएफआईडी रीडर जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी को शामिल किया गया है।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि क्रशर यूनियनों की चिंताओं को दूर करने के लिए पंजाब क्रशर नीति 2023 शुरू की गई है और पंजाब ट्रांसपेरेंसी पब्लिक प्रोक्योरमेंट एक्ट के तहत पब्लिक क्रशर इकाइयों का चुनाव करने के लिए पारदर्शी ई-टेंडरिंग की योजना बनाई गई है और क्रशर इकाई द्वारा उद्धृत सबसे कम खनिज मूल्य के आधार पर चुनाव किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पंजाब क्रशर नीति 2023 की शुरूआत सार्वजनिक क्रशर इकाइयों के लिए ई-टेंडरिंग प्रोसिड्योर के जरिए पारदर्शिता बनाए रखते हुए उद्योग की चिंताओं को दूर करने के लिए विभाग की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
बरिंदर कुमार गोयल ने कहा कि हम एक ऐसा खनन क्षेत्र बना रहे हैं जो न केवल पंजाब की अर्थव्यवस्था में योगदान देगा बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता और सामुदायिक कल्याण भी सुनिश्चित करेगा।
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