नाबालिग ही देते हैं हादसों को अंजाम, पंजाब में 18 से कम उम्र में वाहन चलाया तो मां-बाप को होगी सजा
Underage Driving News: भारत में ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण मानदंडों में से एक यह है कि व्यक्ति को कानूनी रूप से एडल्ट यानी 18 साल या उससे ज्यादा का होना चाहिए। हाल ही में कुछ ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें गाड़ी चलाने वाले की उम्र कम थी। ऐसी घटनाएं एक गंभीर मामला है, जिस पर न केवल पुलिस बल्कि परिवारों को भी सख्ती से अमल करने की जरूरत है। पंजाब में अब नाबालिगों के गाड़ी चलाने पर सख्ती कर दी गई है। 18 से कम उम्र के लड़के और लड़कियों का टू व्हीलर या फोर व्हीलर चलाने पर उनके अभिभावकों पर कार्रवाई होगी। प्रदेश में 18 साल से कम उम्र के बच्चों पर स्कूटर, बाइक या कार चलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इन नियमों को तोड़ने पर नाबालिग बच्चे की जगह पिता को भारी भरकम चालान का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, इसके लिए पिता को जेल भी जाना पड़ सकता है। विभाग की ओर से जल्द ही सख्त कार्रवाई नियम लागू किए जाएंगे। नाबालिग के पकड़े जाने पर माता या पिता को 3 साल की कैद या 25000 रुपए का जुर्माना भरना पड़ सकता है। वहीं, अगर किसी दूसरे का वाहन चलाते नाबालिग पकड़ा गया तो वाहन मालिक के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस अधिकारियों ने जारी किए आदेश
इसे देखते हुए, पंजाब सरकार के नेतृत्व में एडीजीपी ट्रैफिक एएस राय और एस रणजीत सिंह ढिल्लों के निर्देश पर पुलिस कमिश्नरेट अमृतसर के एडीसीपी ट्रैफिक हरपाल सिंह के मार्गदर्शन में ट्रैफिक एजुकेशन सेल के इंचार्ज एसआई दलजीत सिंह और उनकी टीम ने एलेक्जेंड्रा स्कूल अमृतसर में ट्रैफिक सेमिनार लगाया, जिसमें बच्चों को नए कानून के बारे में जागरूक किया गया, जिसमें 18 साल से कम आयु का बच्चा किसी भी प्रकार का वाहन नहीं चला सकता है।
सेल के इंचार्ज दलजीत सिंह ने बताया कि 16 साल में लाइसेंस बनना है, जिसमें 50 सीसी तक के वाहन केवल बच्चे ही चला सकते हैं। ADGP के ऑर्डर के मुताबिक, 31 जुलाई के बाद अगर कोई अंडरएज ड्राइविंग यानी की 18 साल से कम उम्र का बच्चा किसी भी तरह का वाहन चलाते हुए पकड़ा जाता है तो उसके माता-पिता पर 25000 रुपए का जुर्माना और 3 साल की कैद हो सकती है। इसके अलावा वाहन की आरसी सस्पेंड की जा सकती है और बच्चे का 25 साल की उम्र तक लाइसेंस नहीं बनेगा। इस सेमिनार में बच्चे के माता-पिता भी मौजूद थे, जिन्होंने इस सेमिनार में बहुत अच्छी प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा कि स्कूल और प्रशासन की यह बहुत अच्छी पहल है। इसके अलावा ट्रैफिक पुलिस पर संतोष व्यक्त किया जो लोगों को जागरूक करने का एक प्रयास है, जो बहुत अच्छा है। इस अवसर पर प्रिंसिपल सुमन जेनेट एंजेल्स और अध्यापक भी मौजूद थे।
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