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Punjab: सुखबीर सिंह बादल की धार्मिक सजा हुई पूरी, अब अकाली दल का नए सिरे से होगा गठन

Sukhbir Badal Punishment Update: पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल ने अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचकर माथा टेका।
02:42 PM Dec 13, 2024 IST | Deepti Sharma
Sukhbir Badal Punishment Update
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Sukhbir Badal Punishment Update: श्री अकाल तख्त साहिब से धार्मिक सजा सुनाए जाने के बाद शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और शिरोमणी अकाली दल की सारी लीडरशिप ने अपनी धार्मिक सजा पूरी करने के बाद अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब पहुंच माथा टेक अरदास की गई।

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सुखबीर बादल को सजा सुनाए जाने के बाद दो-दो दिन की सेवा लगाई गई थी, जिसमें सबसे पहले श्री दरबार साहिब में दो दिन की सेवा की गई थी और जिसमें गुरुद्वारा के बाहर गेट पर सेवादार की ड्यूटी दी गई थी। उसके बाद कीर्तन सुनना था और फिर जूठे बर्तन धोने थे और वहीं पर बाकी लीडरशिप को इसके साथ साथ टॉयलेट धोने की भी सेवा दी गई थी। इसके बाद सुखबीर बादल को श्री केसगढ़ साहिब फिर श्री दमदमा साहिब ओर आखिर में उन्होंने श्री मुक्तसर साहिब में सेवा करनी थी।

सुखबीर बादल ने जब धार्मिक सेवा शुरू की थी तो अमृतसर में उनपर जानलेवा हमला हुआ था, जिसमें सुखबीर बादल बाल-बाल बच गए थे। इसके बाद सुखबीर बादल की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए जाने लगे थे और बिक्रम मजीठिया ने सुखबीर बादल की सुरक्षा में हुई कोताही को लेकर कई सीसीटीवी वीडियो सार्वजनिक कर दी थी कि किस तरह सुखबीर बादल की सुरक्षा में भारी चूक हुई है, लेकिन सुखबीर बादल की सुरक्षा को लेकर सख्त सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।

बेशक सुखबीर बादल के अंगरक्षक और अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने हमलावर का हमला नाकाम कर दिया था और हमलावर की पहचान भी नारायण सिंह चौड़ा के रूप में हुई थी, जो कई बार पाकिस्तान जा चुका है और वहां पर हथियार चलाने की ट्रेनिंग ओर पंजाब को दहलाने की कोशिश भी कर चुका है।

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उस पर 32 के करीब केस दर्ज है और उससे ऑटोमैटिक हथियारों के साथ साथ भरी तादाद में आरडीएक्स भी बरामद हुआ था, लेकिन अब उसको सिख पंथ से निकालने की मांग जोर शोर से शुरू हो गई है कि इसने दरबार साहिब पर गोली चलाई है। वो भी एक सेवादार पर क्योंकि सुखबीर बादल उस समय सेवादार की ड्यूटी कर रहे थे।

अब इस्तीफे पर होगा विचार

अब शिरोमणी अकाली दल के लिए सबसे बड़ी चुनौती श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार द्वारा सुखबीर बादल द्वारा दिए गए त्यागपत्र को मंजूर करने की है, जिसको अभी अकाली दल के पार्लियामेंट्री बोर्ड ने मंजूर नहीं किया है। इसमें कानूनी तर्क दिया जा रहा है कि अगर हम अकाल तख्त साहिब के हुकम मानते हैं, तो तुरंत भारतीय चुनाव आयोग शिरोमणी अकाली दल की मान्यता खत्म कर देगा और उससे इसका चुनाव चिन्ह तराजू छीन लिया जाएगा।

किसी भी धार्मिक शख्शियत को राजनीतिक पार्टी के अंदर दखल देने का कोई अधिकार नहीं है, जिसके बाद अब अकाली दल लीडरशिप इसके बाद मंथन करेगी कि किस तरह इस पंथक संकट से निकला जाए।

आज सुखबीर बादल के साथ अकाली दल के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह विक्रम मजीठिया और एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी, गुलजार सिंह रानी और डॉक्टर दलजीत सिंह चीमा सुखबीर बादल के साथ थे। वहीं पर अब चर्चाएं चलने लगी हैं कि जल्दी ही शिरोमणि अकाली दल अपनी बैठक बुला कर सुखबीर बादल का इस्तीफे स्वीकार करके अकाली दल की चुनावी भर्ती शुरू करने का ऐलान भी हो सकता है और इस भर्ती के लिए कमेटी बनाई गई है उसके अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी को बनाया गया है।

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