अजमेर दरगाह मामले पर क्या बोले दरगाह कमेटी के सचिव? कोर्ट ने भेजा है नोटिस
Ajmer Dargah Committee Officials Statement On Court Notice: अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह में शिवलिंग होने का दावा किया गया है। हिंदू सेना ने इसे लेकर कोर्ट में याचिका दायर की है। जिस पर अजमेर सिविल कोर्ट ने सभी पक्षकारों को नोटिस भेजा है। इसी के साथ पुरातत्व विभाग ने दरगाह कमेटी सहित तीन लोगों को नोटिस जारी किया है। इस मामले की सुनवाई 20 दिसबर को होगी।
पहले से ही था अंदाजा
अजमेर की अदालत के इस फैसले के बाद दरगाह अंजुमन कमेटी के सचिव सरवर चिश्ती का बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि अजमेर कोर्ट में हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने पिटिशन फाइल की है, जिसमें उन्होंने ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में शिवलिंग और मंदिर होना बताया है। हमें इसका पहले से ही अंदाजा था।
Lawyer presented a 1910 book as evidence and argued for Ajmer Dargah's recognition to be revoked, allowing it to revert to a temple
The Hindu side insists on an ASI survey to validate their claims and seeks worship rights at the site
The Civil Court has accepted the petition !! pic.twitter.com/hF8eoXe7JW
— छोटू डॉन (@chotu_donn) November 27, 2024
मोहन भागवत के बयान का दिया हवाला
कोर्ट ने उसे स्वीकार कर लिया है। इसी तरह संभल में जो याचिका शाही मस्जिद को लेकर फाइल की गई और शाम कोई कमिश्नर सर्वे करने चले गए। फिर जो हुआ, वह आपके सामने है- कभी मथुरा, कभी काशी। जबकि बाबरी मस्जिद पर फैसला आने के बाद हमने कड़वा घूंट पीकर यह मान लिया था कि अब कुछ नहीं होगा। 22 जून को मोहन भागवत ने कहा था कि हर मस्जिद में ये सब तलाश मत करो।
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सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक
उन्होंने आगे कहा- जब 'वरशिप एक्ट' बन गया, फिर यह चीज करने की क्या जरूरत है। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की जो दरगाह है, वह एक कम्युनल हार्मनी, डाइवर्सिटी और सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है। यह यूनिटी और डाइवर्सिटी को प्रमोट करता है, लेकिन साथ-साथ अफगानिस्तान से लेकर इंडोनेशिया तक इस्लाम का बड़ा मरकज भी है। यह कोई तमाशा वाली बात नहीं है कि रोज तमाशा होता रहेगा और हम सहते रहेंगे। तीन पार्टियों को नोटिस भेजा गया है, जिसकी सुनवाई की तारीख 20 दिसंबर रखी गई है।
Rajasthan: A lower court has accepted a petition that refers to the Ajmer Sharif Dargah as a Hindu temple. The next hearing will be on December 20. The petition, filed by the Hindu Sena, claims that the dargah was originally a Shiva temple. Syed Sarwar Chishti, the secretary of… pic.twitter.com/1pAYwcO96j
— IANS (@ians_india) November 27, 2024
यह देश हित में नहीं
सरवर चिश्ती ने आगे कहा- हम 800 साल से यहां दरगाह की सेवा कर रहे हैं और हमने बड़े-बड़े दौर देखे हैं और कभी कुछ नहीं हुआ। यहां पर एक बम ब्लास्ट भी हुआ था। उसमें तीन लोग भी मारे गए थे। हर जगह इनको शिवलिंग और मंदिर नजर आते हैं। उन्होंने आगे कहा- सदियों पुरानी मस्जिद पर भी इस तरह की हरकत कर रहे हैं, लेकिन यह चीज देश के हित में नहीं है। हम देख रहे हैं क्या करना है। इंशाल्लाह किसी की मुरादे पूरी नहीं होगी। यहां पर कुछ हो जाए, यह दरगाह थी और दरगाह रहेगी।
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