अजमेर दरगाह मामले पर क्या बोले दरगाह कमेटी के सचिव? कोर्ट ने भेजा है नोटिस
Ajmer Dargah Committee Officials Statement On Court Notice: अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह में शिवलिंग होने का दावा किया गया है। हिंदू सेना ने इसे लेकर कोर्ट में याचिका दायर की है। जिस पर अजमेर सिविल कोर्ट ने सभी पक्षकारों को नोटिस भेजा है। इसी के साथ पुरातत्व विभाग ने दरगाह कमेटी सहित तीन लोगों को नोटिस जारी किया है। इस मामले की सुनवाई 20 दिसबर को होगी।
पहले से ही था अंदाजा
अजमेर की अदालत के इस फैसले के बाद दरगाह अंजुमन कमेटी के सचिव सरवर चिश्ती का बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि अजमेर कोर्ट में हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने पिटिशन फाइल की है, जिसमें उन्होंने ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में शिवलिंग और मंदिर होना बताया है। हमें इसका पहले से ही अंदाजा था।
मोहन भागवत के बयान का दिया हवाला
कोर्ट ने उसे स्वीकार कर लिया है। इसी तरह संभल में जो याचिका शाही मस्जिद को लेकर फाइल की गई और शाम कोई कमिश्नर सर्वे करने चले गए। फिर जो हुआ, वह आपके सामने है- कभी मथुरा, कभी काशी। जबकि बाबरी मस्जिद पर फैसला आने के बाद हमने कड़वा घूंट पीकर यह मान लिया था कि अब कुछ नहीं होगा। 22 जून को मोहन भागवत ने कहा था कि हर मस्जिद में ये सब तलाश मत करो।
ये भी पढ़ें: पूर्व राजपरिवार में क्यों मचा घमासान? सड़क पर आई चाचा-भतीजे की लड़ाई
सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक
उन्होंने आगे कहा- जब 'वरशिप एक्ट' बन गया, फिर यह चीज करने की क्या जरूरत है। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की जो दरगाह है, वह एक कम्युनल हार्मनी, डाइवर्सिटी और सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है। यह यूनिटी और डाइवर्सिटी को प्रमोट करता है, लेकिन साथ-साथ अफगानिस्तान से लेकर इंडोनेशिया तक इस्लाम का बड़ा मरकज भी है। यह कोई तमाशा वाली बात नहीं है कि रोज तमाशा होता रहेगा और हम सहते रहेंगे। तीन पार्टियों को नोटिस भेजा गया है, जिसकी सुनवाई की तारीख 20 दिसंबर रखी गई है।
यह देश हित में नहीं
सरवर चिश्ती ने आगे कहा- हम 800 साल से यहां दरगाह की सेवा कर रहे हैं और हमने बड़े-बड़े दौर देखे हैं और कभी कुछ नहीं हुआ। यहां पर एक बम ब्लास्ट भी हुआ था। उसमें तीन लोग भी मारे गए थे। हर जगह इनको शिवलिंग और मंदिर नजर आते हैं। उन्होंने आगे कहा- सदियों पुरानी मस्जिद पर भी इस तरह की हरकत कर रहे हैं, लेकिन यह चीज देश के हित में नहीं है। हम देख रहे हैं क्या करना है। इंशाल्लाह किसी की मुरादे पूरी नहीं होगी। यहां पर कुछ हो जाए, यह दरगाह थी और दरगाह रहेगी।
ये भी पढ़ें: अजमेर दरगाह मामले में इस दिन होगी अगली सुनवाई, हिंदू सेना का दावा-यहां था शिव मंदिर