धरने पर बैठने को क्यों मजबूर हुए पूर्व सीएम अशोक गहलोत, क्या है गांधी वाटिका? जिसके लिए छिड़ा संग्राम
Ashok Gehlot Protest: राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भजनलाल सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने का फैसला लिया है। गहलोत ने गांधी जयंती से पहले धरना देने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर ये घोषणा की। गहलोत ने अपने पोस्ट में 'गांधी वाटिका' का मुद्दा उठाया है। आइए जानते हैं कि आखिर जिसके लिए गहलोत सरकार ने भजनलाल सरकार के खिलाफ संग्राम छेड़ा है, वो क्या है।
क्या है गांधी वाटिका?
गांधी वाटिका एक म्यूजियम है। जिसका करीब एक साल पहले उद्घाटन किया गया था। इसे जयपुर के सेंट्रल पार्क में बनाया गया है। वर्ल्ड क्लास म्यूजियम को लगभग 85 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था। इस म्यूजियम को अभी तक आमजन के लिए नहीं खोला गया है। इसका उद्घाटन 23 सितंबर 2023 को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सांसद राहुल गांधी ने किया था।
भजनलाल सरकार ने निरस्त किया था गांधी वाटिका न्यास
इसके बाद गहलोत सरकार ने गांधी संग्रहालय के संचालन के लिए 3 अक्टूबर, 2023 को गांधी वाटिका न्यास की स्थापना की थी। जिसे भजनलाल सरकार ने निरस्त कर दिया। पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने अपने एक्स हैंडल पर कहा कि भाजपा सरकार ने अब तक म्यूजियम को आम जनता के लिए नहीं खोला है। इस विश्वस्तरीय म्यूजियम के लिए मैंने व्यक्तिगत तौर पर और पत्र लिखकर भी सीएम भजनलाल शर्मा से आग्रह किया था। ताकि जनता के बीच गांधीजी के सत्य एवं अहिंसा का संदेश पहुंचे।
करीब एक साल पूर्व उद्घाटन हो जाने के बाद भी भाजपा सरकार ने सेंट्रल पार्क, जयपुर स्थित गांधी वाटिका म्यूजियम को आम जनता के लिए नहीं खोला है। करीब 85 करोड़ रुपए लागत से यह विश्वस्तरीय म्यूजियम बना है। मैंने व्यक्तिगत तौर पर एवं पत्र लिखकर भी मुख्यमंत्री श्री @BhajanlalBjp से आग्रह…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) September 23, 2024
28 सितंबर को देंगे धरना
गहलोत ने आगे कहा कि सरकार की हठधर्मिता के विरोध के लिए तमाम गांधीवादी 28 सितंबर, शनिवार को सेंट्रल पार्क के गेट नंबर 5 पर स्थित गांधी वाटिका म्यूजियम पर सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक धरना देंगे। गहलोत सरकार ने इस म्यूजियम का ऐलान 2021-22 के बजट में किया था। जिसे जयपुर डवलपमेंट अथॉरिटी (JDA) ने बनाया। ये म्यूजियम तीन फ्लोर का बना है। इसके दो फ्लोर पर महात्मा गांधी की विचारधारा, उनके जीवन और शिक्षा से जुड़ी कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया है।
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गांधीजी और आजादी को समर्पित
एक फ्लोर पर उपनिवेशवाद का काला युग, स्वतंत्रता संग्राम के शुरुआती दिन, 1857 के विद्रोह और दक्षिण अफ्रीका में गांधीजी के जीवन को प्रदर्शित किया गया है। वहीं ग्राउंड फ्लोर पर गांधीजी की भारत वापसी, उनके आंदोलन और अंतिम दिनों जैसे खंड होंगे। इसी के साथ पहली मंजिल पर गांधीजी की राजस्थान यात्रा और दुनियाभर में राष्ट्रपिता के प्रभाव जैसे खंड प्रदर्शित होंगे। कुल मिलाकर ये पूरा म्यूजियम गांधीजी के जीवनकाल और आजादी पर समर्पित होगा।
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