BJP को चलाएगी महारानी? RSS की पसंद... भगवा पार्टी में आएगा वसुंधरा राज!
नई दिल्ली/जयपुर, राकेश चौधरी: पीएम मोदी अक्सर चौंकाने वाले फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं। बीजेपी में नए अध्यक्ष को लेकर कयासों का बाजार गर्म है। पार्टी आलाकमान संघ के साथ समन्वय कर नए चेहरे की तलाश में जुटा है। सूत्रों की मानें तो पार्टी और संघ इस बार किसी महिला को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दे सकता है और अगर ऐसा होता है तो बीजेपी के इतिहास में पहली बार होगा जब कोई महिला पार्टी की कमान संभालेगी।
पार्टी के वरिष्ठ सूत्रों की मानें तो बीजेपी राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को पार्टी का अध्यक्ष बना सकती हैं। वे फिलहाल पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। इसकी घोषणा भी जल्द हो सकती है। सूत्रों की मानें तो वसुंधरा राजे के अलावा शिवराज सिंह चौहान, धर्मेंद्र प्रधान, अनुराग ठाकुर, सुनील बंसल, केशव प्रसाद मौर्य का नाम भी चर्चा में हैं। हालांकि अंतिम मुहर किस पर लगती है यह तो देखने वाली बात होगी।
वसुंधरा के मोदी-शाह से रिश्ते कितने सहज
हालांकि पीएम मोदी और अमित शाह से वसुंधरा राजे के रिश्ते भी कभी इतने अच्छे नहीं रहे। 2023 के विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे सीएम पद की सबसे बड़ी दावेदार थी। इसके लिए उन्होंने दिल्ली से जयपुर तक भरसक प्रयास किया, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। मोदी-शाह ने पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा को सीएम बना दिया। जोकि हर किसी के लिए हैरान करने वाला था। साल 2018 में अमित शाह जोधपुर से सांसद और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को राजस्थान का अध्यक्ष बनाना चाहते थे, लेकिन वसुंधरा की जिद के आगे उनको झुकना पड़ा। ऐसे में देखना होगा कि पार्टी हाईकमान कैसे उन्हें पार्टी की कमान सौंपता है।
मामा की तरह वसुंधरा को एडजस्ट करने की तैयारी
एक कयास यह भी लगाया जा रहा है कि जैसे बीजेपी ने शिवराज सिंह चौहान को केंद्र में मंत्री बनाकर उनको एडजस्ट करने की कोशिश की। ठीक वैसे ही पार्टी वसुंधरा को अध्यक्ष बनाकर उनकी नाराजगी को दूर कर सकती है। वसुंधरा राजे कई मंचों से इशारों-इशारों में आलाकमान से नाराजगी जाहिर कर चुकी हैं। ऐसे में उनको अध्यक्ष बनाकर पार्टी बड़े नेताओं को केंद्र में एडजस्ट करने के फाॅर्मूले को अमलीजामा पहना सकती है। ताकि राज्यों में नई पीढ़ी के कार्यकर्ताओं को नेता बनाया जा सके।
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अध्यक्ष बनाने से पार्टी को होगा यह फायदा
वहीं अगर पार्टी हाईकमान उन्हें अध्यक्ष बनाता है तो बीजेपी एक तीर से तीन निशाने साध सकती है। वसुंधरा कुर्मी परिवार से हैं ऐसे में ओबीसी वोट बैंक को साध कर रखना बीजेपी के लिए सबसे जरूरी हो गया है, क्योंकि संविधान बदलने के दुष्प्रचार के चलते दलित वोटर्स उससे दूर हुआ है। वसुंधरा के अध्यक्ष बनाने से महिला वोट बैंक पूरी तरह से बीजेपी की तरफ लामबंद हो सकता है। वहीं वसुंधरा का विवाह धौलपुर के जाट राजघराने में हुआ था। ऐसे में पार्टी वसुंधरा के जरिए जाटों को भी साध सकती है।
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