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SDM प्रियंका बिश्नोई की मौत का असली सच क्या? जानें परिजनों के आरोप और डाक्टरों की सफाई

What is Anesthesia: जोधपुर में एसडीएम रह चुकी प्रियंका बिश्नोई की बुधवार रात को मौत हो गई। परिजनों ने डाॅक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रियंका को ऑपरेशन के दौरान बेहोशी की दवा अधिक दी गई थी जिसके कारण उनकी तबियत बिगड़ गई।
01:28 PM Sep 20, 2024 IST | Rakesh Choudhary
sdm प्रियंका बिश्नोई की मौत का असली सच क्या  जानें परिजनों के आरोप और डाक्टरों की सफाई
Jodhpur SDM Priyanka Bishnoi Death

Jodhpur SDM Priyanka Bishnoi Death: राजस्थान प्रशासनिक सेवा की अधिकारी प्रियंका बिश्नोई की मौत मामले में बवाल मचा हुआ है। गुरुवार को बिश्नोई समाज ने आरोप लगाया कि अधिकारी की मौत साजिश के तहत हुई है। बता दें कि राजस्थान की 33 साल की आरएएस अधिकारी प्रियंका बिश्नोई ने 5 सितंबर को बच्चेदानी में गांठ के कारण हाॅस्पिटल में सर्जरी करवाई थी। इसके बाद अगले दिन उनकी तबियत बिगड़ गई और परिजन उन्हें लेकर अहमदाबाद पहुंचे, वहां 20 दिन इलाज के बाद बुधवार रात को उनकी मौत हो गई।

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किसी भी सर्जरी में एनेस्थीसिया की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। ऐसे में आइये जानते हैं एनेस्थीसिया क्या होता है? एनेस्थीसिया की डोज सर्जरी के दौरान शरीर को दर्द ना हो इसलिए दी जाती है। इसमें कई दवाओं का मिश्रण होता है। जिसके शरीर में जाने पर नर्वस सिस्टम दिमाग को कोई संकेत नहीं भेज पाता। ऑपरेशन के दौरान किए जाने वाले सर्जिकल कट के कारण मरीज को दर्द ना हो, वो हिले नहीं इसलिए एनेस्थीसिया की डोज दी जाती है। इससे मरीज को भी सर्जरी का पता नहीं चलता और वो बेहोश ही रहता है।

परिजनों ने लगाया ये आरोप

मामले में प्रियंका के परिजनों ने आरोप लगाया कि महिला अधिकारी को अधिक मात्रा में बेहोशी की दवा दी गई थी जिससे उनकी तबियत खराब हुई और उनकी जान चली गई। अधिकारी के परिजनों ने कलेक्टर को पत्र लिखकर जांच की मांग की। इसके बाद कलेक्टर ने मेडिकल काॅलेज के प्रिंसिपल को कमेटी बनाकर जांच के आदेश दिए। प्रिंसिपल के निर्देशन में बनाई गई 5 सदस्यीय कमेटी शनिवार को अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप देगी।

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डोज कम या ज्यादा होने पर क्या होता है?

जब किसी मरीज का ऑपरेशन होता है तो सर्जरी कक्ष के डाॅक्टरों में एक डाॅक्टर एनेस्थीसिया का विशेषज्ञ भी होता है। ये विशेषज्ञ मरीज की उम्र, उसकी मेडिकल स्थिति, सर्जरी कौन सी है, सर्जरी कितनी बड़ी है इस आधार एनेस्थीसिया की डोज तय करता है। अगर सभी परिस्थितियों को नजरअंदाज कर डोज दी जाती है तो कुछ भी हो सकता है।

जैसे अगर डोज कम दी जाए तो मरीज को समय से पहले ही होश आ सकता है ऐसे में दर्द ज्यादा हो सकता है। यह स्थिति जानलेवा नहीं होती है, लेकिन अगर डोज ज्यादा दे दी जाए तो मरीज का ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक आ सकता है। इसके अलावा पल्स रेट और ब्लड प्रेशर भी बढ़ सकता है। कई बार ज्यादा डोज के कारण मरीज को लकवे और ब्रेन डेड वाली स्थिति भी बन जाती है।

डाॅक्टरों ने क्या कहा?

प्रियंका बिश्नोई के मामले में डॉक्टरों ने इस आरोप को नकारते हुए अपने बयान में कहा कि सर्जरी के दौरान कोई कॉम्पिलकेशन नहीं थी, बल्कि टेस्ट के समय उनके माइंड में एक प्रॉब्लम डिटेक्ट हुई थी, जिसके बड़े होने पर खतरनाक और जानलेवा होने के आसार होते हैं, यही समस्या प्रियंका के मामले में हुई। सर्जरी से पहले ही प्रियंका स्ट्रेस में थी और सीटी स्कैन में भी स्ट्रेस डिटेक्ट हुआ था। डॉक्टरों की ओर से कोई लापरवाही नहीं बरती गई है।

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