'एक और सीमा हैदर'...दो बच्चों के पिता को दिल दे बैठी मेहविश, रहमान के प्यार में पाकिस्तान से पहुंची चूरू
Mehwish-Arman Love Story: (केजे श्रीवत्सन, चूरू) पाकिस्तानी मूल की सीमा हैदर जब भारत आईं तो काफी चर्चाओं में रही थीं। सचिन मीणा से शादी करके वे इस समय नोएडा में रह रही हैं। ऐसा ही एक मामला अब राजस्थान के चूरू में सामने आया है। राजस्थान के चूरू के रहने वाले एक युवक को पाकिस्तानी लड़की अपना दिल दे बैठी। पाकिस्तान के लाहौर की रहने वाली 25 वर्षीय मेहविश अपने सारे बंधन तोड़कर चुरू के गांव पिथिसर आ गई है। उसने दावा किया है कि दो बच्चों के पिता रहमान से ऑनलाइन निकाह कर चुकी है और अब अपने ससुराल पहुंची है। मेहविश ने बताया कि जब वह अकेले जिंदगी बिता रही थी, उस वक्त उसकी इमो ऐप पर चुरू के गांव पिथिसर निवासी 30 वर्षीय रहमान से जान-पहचान हुई। दोनों मोबाइल पर बातें करने लगे और इनका प्यार परवान चढ़ने लगा।
बहन और बहनोई शादी के लिए हुए राजी
मेहविश ने अपनी बहन और बहनोई से बातचीत कर रहमान को शादी के लिए प्रपोज कर दिया। प्रपोज करने के तीन दिन बाद साल 2022 में मेहविश ने रहमान से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शादी कर ली। इस वक्त रहमान कुवैत में ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय कर रहा है। साल 2023 में मेहविश उमरा गई, जहां रहमान भी पहुंच गया और दोनों ने मक्का में निकाह कर लिया। मेहविश ने प्यार के लिए अपने 2 बच्चों को छोड़ दिया। उधर, रहमान भी शादीशुदा है, जिसके 2 बच्चे हैं। रहमान की पहली पत्नी फरीदा बच्चों सहित अपने पीहर भादरा रह रही है। मेहविश को उसके ससुराल वाले वाघा बॉर्डर से लेकर रतननगर थाने पहुचे हैं। जहां पाकिस्तान की दुल्हन से पूछताछ कर दस्तावेजों की जांच की जा रही है। मेहविश ने बताया कि वह पाकिस्तान के लाहौर की रहने वाली है। जब 2 साल की थी तो उसकी मां का देहांत हो गया और करीब 15 साल पहले उसके पिता जुल्फिकार का भी निधन हो गया।
12 साल पहले वह अपनी बहन साहिमा के घर राजधानी इस्लामाबाद आ गई थी। वहां 2 महीने तक ब्यूटी पार्लर का काम सीखा और पिछले 10 साल से यह काम कर रही है। साल 2006 में बादामी बाग के एक व्यक्ति से शादी हुई थी। उसके पहले पति से दो बेटे हैं, जिनकी उम्र 12 और 7 साल है। शादी के बाद पति ने उसे छोड़ दिया और दूसरी शादी कर ली। मेहविश का तलाक 2018 में हुआ था। जब ससुराल के लोग मेहविश को रतननगर थाना लेकर आए तब थाना अधिकारी जयप्रकाश ने गहनता से पूछताछ की और उसके पासपोर्ट, वीजा आदि दस्तावेजों की जांच की।
...पाकिस्तान की सरकार झूठ नहीं बोलती
जब पासपोर्ट में लगी तस्वीर को देखकर थानाधिकारी ने कहा कि क्या यह तुम्हारी है? तो मेहविश ने जवाब दिया कि पाकिस्तान की सरकार झूठ नहीं बोलती। यह तस्वीर मेरी है। थाना प्रभारी जयप्रकाश के अनुसार उसने अपना मास्क उतारकर चेहरा दिखाया। मेहविश ने बताया कि वह इस्लामाबाद से 25 जुलाई की शाम 7 बजे अपने परिवार के साथ रवाना हुई थी। सरपंच जंगशेर खान के अनुसार परिवार के लोग उसे वाघा बॉर्डर पर अकेला छोड़कर चले गए। जहां पाक रेंजर्स और बीएसएफ ने दस्तावेजों की जांच की। मेहविश 45 दिनों के टूरिस्ट वीजा पर भारत आई है। सरहद पर खड़े ससुराल के लोग उसे निजी वाहन से लेकर आए। फिर सरदारशहर में एक रात रुककर उसे गांव पिथिसर ले आए।