'विधायकी हारे तो मोदी के सामने रोए...' कभी किराने की दुकान चलाने वाले भागीरथ आज मंत्री बने
PM Modi Cabinet Rajasthan Minister Bhigrath Choudhary: नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बन चुके हैं। उन्होंने आज शाम 72 सांसदों के साथ पद और गोपनीयता की शपथ ली। केंद्रीय कैबिनेट में राजस्थान के 4 सांसदों को जगह मिली है। इनमें गजेंद्र सिंह शेखावत, भागीरथ चौधरी, भूपेंद्र यादव और अर्जुनराम मेघवाल शामिल हैं। इनमें भागीरथ चौधरी का नाम चौंकाने वाला रहा। क्योंकि 6 महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद ऐसा लग रहा था कि उन्हें लोकसभा चुनाव में भी टिकट नहीं मिलेगा। लेकिन न सिर्फ उन्हें टिकट मिला बल्कि जीतने के बाद अब केंद्र सरकार में मंत्री भी बनाए गए हैं। विधानसभा चुनाव हारने के बाद जब वे पीएम मोदी से मिलने पहुंचे थे तो फूट-फूटकर रोए थे तब पीएम ने गले लगाकर कहा था-हार-जीत चलती रहती है।
भागीरथ चौधरी के मंत्री बनने का किस्सा बड़ा ही दिलचस्प है। वे 2019 में पहली बार अजमेर से जीतकर सांसद बने थे। बीजेपी ने 2023 के विधानसभा चुनाव में किशनगढ़ से टिकट दिया था। किशनगढ़ में हारने के बाद वे तीसरे नंबर पर रहे। उन्हें बीजेपी से कांग्रेस में गए विकास चौधरी ने हराया था। भागीरथ चौधरी हारने के बाद इतने आहत थे कि वे मोदी से मिले बिना ही चले गए। उन्होंने कहा कि जब वे बिना मिले ही जाने लगे तो उन्होंने गार्ड को भेजकर मुझे वापस बुलाया और नहीं मिलने का कारण पूछा। तब मैंने कहा कि चुनाव में हारने के बाद मैं आपसे किस मुंह से मिलता? आपने टिकट दिया तो मैं विधानसभा चुनाव में तीसरे नंबर पर रहा।
#WATCH | BJP leader Bhagirath Choudhary takes oath as a Union Cabinet Minister in the Prime Minister Narendra Modi-led NDA government pic.twitter.com/65HrLPdH4i
— ANI (@ANI) June 9, 2024
हार-जीत तो जीवन का हिस्सा है
इसके बाद पीएम मोदी ने हौंसला अफजाई करते हुए कहा कि हार-जीत तो जीवन का हिस्सा है। हिम्मत हारने की जरूरत नहीं है। आगे भी अच्छा ही होगा। और आज भागीरथ चौधरी केंद्र की मोदी कैबिनेट में राज्य मंत्री बनने जा रहे हैं। बता दें कि भागीरथ चौधरी ने लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस के रामचंद्र चौधरी को 3 लाख से अधिक वोटों से हराया। इससे पहले किशनगढ़ से 2 बार विधायक भी रह चुके हैं। बतौर सांसद वे दूसरी बार दिल्ली पहुंचे हैं।
भागीरथ चौधरी का जीवन भी काफी संघर्षों से भरा रहा है। 12वीं की पढ़ाई के बाद जयपुर आए। बीच में पढ़ाई छोड़कर अजमेर लौटे और किराने की दुकान खोली। इसके 3 साल बाद 1990 में मार्बल का व्यवसाय किया। 2003 में उन्होंने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
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