चुनाव परिणाम के बाद भाजपा में तालमेल पर उठे सवाल, सीएम भजनलाल की बैठक ने विपक्ष को दिया मुद्दा
केजे श्रीवत्सन, जयपुर
राजस्थान में लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद सत्तारूढ़ भाजपा में सत्ता और संगठन के बीच तालमेल को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं। किरोड़ी लाल मीणा जैसे वरिष्ठ मंत्रियों की सरकार के कामकाज को लेकर नाखुशी भी कई मौकों पर सामने आ चुकी है। ऐसे में जयपुर में आज मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा ली गई एक बैठक ने विपक्ष को मानो बैठे-बैठाए एक और बड़ा मुद्दा दे दिया है।
दरअसल आदर्श आचार संहिता खत्म होने के साथ ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आज जयपुर में सरकारी कर्मचारी संगठनों के साथ प्री बजट सुझाव बैठक ली। लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि भजनलाल सरकार में दीया कुमारी को वित्त मंत्री बनाया गया है। बावजूद इसके वे इस बैठक में नहीं नजर आईं। बैठक से राजस्थान के दोनों उप मुख्यमंत्रियों की नदारदगी भी सबके लिए हैरत की बात रही।
सीएम ऑफिस से साझा की गई थी बैठक की जानकारी
मुख्य सचिव सुधांशु पंत, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अखिल अरोड़ा सहित वित्त विभाग के तमाम अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे। लेकिन भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल के दोनों उप मुख्यमंत्री जयपुर में होने के बावजूद इसमें मौजूद नहीं थे। ऐसा नहीं है कि यह बैठक मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अचानक बुलाई हो। 24 घंटे पहले ही मुख्यमंत्री दफ्तर की ओर से मीडिया को भी इस बैठक और इसके एजेंडे के बारे में पूरी सूचना दे दी गई थी।
ऐसे में यह सवाल भी उठ रहे हैं कि जब कर्मचारी संगठनों को भी 3-4 दिन पहले ही पूरी तैयारी के साथ बैठक में आने का बुलावा दिया गया था तो मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने दोनों डिप्टी सीएम को इसकी जानकारी देकर बैठक में आने के लिए क्यों नहीं कहा! वह भी उसे वक्त जब दो में से एक डिप्टी सीएम तो राजस्थान की वित्त मंत्री भी हैं,तो, उन्हें क्यों इस बैठक से दूर रखा गया!
दीया कुमारी की गैरमौजूदगी ने खड़े कर दिए हैं सवाल
यह प्री बजट बैठक इसलिए में भी काफी अहम कही जा रही थी, क्योंकि करीब 6 महीने पहले राजस्थान में सत्ता में आने वाली भजनलाल सरकार को अपने इन्हीं सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ मिलकर अगले साढ़े 4 साल तक विकास योजनाओं को बनाकर उसे जनता के बीच पहुंचना है। अपने गुड गवर्नेंस के वादे को पूरा करना है। इन सरकारी कर्मचारी से जुड़ी कई बड़ी समस्याएं भी है। ऐसे में वित्त मंत्रालय की मुखिया मंत्री दीया कुमारी की गैरमौजूदगी अब कई तरह के सवाल भी उठा रही है।
हालांकि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के पास कार्मिक विभाग है और मुख्यमंत्री होने के नाते वे सरकारी कर्मचारियों की समस्याओं को सुलझाने का अधिकार भी रखते हैं, लेकिन यहां मामला पेश किए जाने वाले सरकार के आगामी बजट के लिए आने वाले सुझावों से जुड़ा है। अगर वित्त मंत्री इस बैठक में मौजूद होती तो संभवत शायद और बेहतर तरीके से सरकारी योजनाओं को अमली जामा पहनाने में सबसे बड़ी भूमिका अदा करने वाले सरकारी कर्मचारी से जुड़ी मांगों और समस्याओं को समझ कर अपने बजट घोषणा में उन्हें शामिल करने पर गंभीरता दिखा सकती थीं।
विपक्ष ने लगाया सरकार में तालमेल न होने का आरोप
बहरहाल, भले ही सरकार की तरफ से इसे लेकर कोई बयान नहीं दिया जा रहा है, लेकिन विपक्ष ने वित्त मंत्री दीया कुमारी की गैर मौजूदगी में हुई इस प्री बजट सुझाव बैठक को लेकर सवाल भी उठाने शुरू कर दिए हैं। वैसे भी विपक्ष लगातार सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उनके कैबिनेट मंत्रियों के बीच सही तरीके से तालमेल नहीं होने का आरोप लगा रहा है। अब वित्त मंत्री दीया कुमारी की गैर मौजूदगी में हुई इस बैठक के बाद विपक्ष का सरकार के खिलाफ तेवरों में और तीखापन भी आने लगा है।
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