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गर्भवती से दरिंदगी...पेट-गले पर लोहे की जंजीरें-ताला, बांसवाड़ा में झाड़फूंक के नाम पर ली जान

Rajasthan Latest News: अंधविश्वास और जादू टोने ने एक गर्भवती महिला की जान ले ली। गर्भ में पल रहे उसके बच्चे की भी मौत हो गई है। घटना राजस्थान की है और महिला ने इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ा। घटनाक्रम की चर्चा पूरे इलाके में हो रही है।
11:36 AM Sep 27, 2024 IST | Khushbu Goyal
गर्भवती से दरिंदगी   पेट गले पर लोहे की जंजीरें ताला  बांसवाड़ा में झाड़फूंक के नाम पर ली जान
महिला ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ा।

Black Magic Killed Pregnant Woman (केजे श्रीवत्सन, जयपुर): बेशक भारत 21वीं सदी में पहुंच गया है। बेशक देश को 2047 का विकसित भारत बनाने का सपना देखा जा रहा है। बेशक साइंस, स्पेस, एजुकेशन, मेडिकल समेत कई सेक्टर्स में मॉडर्न टेक्नोलॉजी के साथ भारत दुनियाभर के आधुनिक देशों की सूची में शामिल हो गया है, लेकिन आज भी भारतीय समाज अंधविश्वास की बेड़ियों में जकड़ा हुआ है।

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आज भी देश में रहने वाले लोगों का एक वर्ग अंधविश्वास की दुनिया में जीता है। आज भी लोग बीमारियों के इलाज के लिए तांत्रिकों को पास जाते हैं। झाड़-फूंक का सहारा लेते हैं। ऐसा ही एक घटनाक्रम राजस्थान के बांसवाड़ा में हुआ है। अंधविश्वास और जादू टोने के चक्कर में एक गर्भवती महिला की जान चली गई। न सिर्फ महिला की जान गई, बल्कि उसके पेट में पल रहा बच्चा भी मर गया।

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दौरे पड़ने के कारण ले गए ओझा के पास

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मिली जानकारी के अनुसार, बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ क्षेत्र में 6 महीने की गर्भवती महिला जादू टोने के चक्कर में काल का ग्रास बन गई। कुशलगढ़ क्षेत्र के वसूली पाडला गांव के निवासी शैलेश की पत्नी शीतल मईड़ा कुछ समय से बीमार चल रही थी। दोनों की शादी करीब साल भर पहले हुई थी और शीतल 6 माह से गर्भवती थी। उसे दौरे पड़ने के कारण घरवालों ने समझा कि भूत प्रेत का असर है तो वे उसे ओझा के पास झाड़ फूंक के लिए ले गए। ओझा उन्हें भूत भगाने का आश्वासन देकर झाड़ फूंक करता रहा और शीतल के पेट-गले पर लोहे की जंजीरें बांधकर ताला लगाकर झाड़-फूंक करने लगा। इस दौरान दम घुटने से शीतल की तबियत और खराब हो गई। यह देखकर कि शीतल की तबियत ठीक नहीं हुई, बल्कि बिगड़ रही है तो उसने शैलेश को शीतल को घर ले जाने को कहा दिया।

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अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया

पुलिस सूत्रों के अनुसार, शैलेश पहले शीतल को घर ले गया, फिर उसे उसके पिता के घर खेड़िया गांव में भेज दिया। काफी दिन तक वहां भी शीतल की हालत में सुधार नहीं हुआ तो उसे बुधवार को गंभीर अवस्था में बांसवाड़ा जिला मुख्यालय के MG अस्पताल में लाया गया, जहां इलाज के दौरान गुरुवार देररात को शीतल की मौत हो गई। शीतल ने दम तोड़ने से पहले मां-बाप को झाड़-फूंक प्रक्रिया के बारे में बताया था। हालांकि मामले में अभी पुलिस को शिकायत नहीं दी गई है, लेकिन इलाके में इस घटनाक्रम की चर्चा खूब हो रही है।

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