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क्या लौटेगी 'चेतना'? 8 दिन बाद भी बोरवेल से नहीं निकली 3 साल की मासूम; पढ़ें अपडेट

Rajasthan Kotputli Borewell Accident: राजस्थान के कोटपूतली में एक 3 साल की बच्ची पिछले 8 दिन से बोरवेल में फंसी है। बच्ची को बाहर निकालने के लिए प्रशासन ने ऐड़ी से चोटी तक का जोर लगा दिया है। खबरों की मानें तो चेतना आज बाहर आ सकती है।
01:33 PM Dec 30, 2024 IST | Sakshi Pandey
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Rajasthan Kotputli Borewell Accident: राजस्थान का कोटपूतली पिछले एक हफ्ते से सुर्खियों में है। 8 दिन पहले 3 साल की मासूम बच्ची चेतना अचानक से बोरवेल में गिर गई थी। तब से बचाव टीमें दिन-रात चेतना को बचाने की कोशिश में लगी हैं, लेकिन चेतना अभी तक बाहर नहीं आ सकी है। रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है। वहीं चेतना की सेहत पर भी प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है। इसे राजस्थान में अब तक का सबसे मुश्किल ऑपरेशन बताया जा रहा है।

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700 फीट गहरा है बोरवेल

बता दें कि 23 दिसंबर को 3 साल की मासूम चेतना खेलते-खेलते अचानक बोरवेल में गिर गई। बोरवेल की गहराई 700 फीट है, वहीं चेतना 150 फीट की गहराई पर फंसी हुई है। चेतना को निकालने के लिए कई देसी जुगाड़ अपनाए गए, मगर उसे सिर्फ 30 फीट ऊपर ही खींचा जा सका। इसके बाद कई मशीनों की मदद से चेतना को निकालने की जद्दोजहद हुई, मगर सारी कोशिशें नाकाम हो गई हैं।

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1 घंटे में 2-4 इंच तक ड्रिलिंग

NDRF और SDRF की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हैं। बचाव टीमों का कहना है कि 7 फीट टनल की खुदाई की गई है। अब 1.5 फीट चौड़ी चट्टान को ड्रिल करना बाकी है। वहीं चट्टान काफी कठोर है, जिससे 1 घंटे में 2-4 इंच ड्रिलिंग हो पाती है। वहीं चेतना की हालत कैसी है, इसका जवाब भी अभी तक नहीं मिल सका है।

11 फीट की दूरी पर खोदी गई सुरंग

बता दें कि चेतना को निकालने के लिए पहले L शेप का हुक डाला गया, फिर अंब्रेला बेस की मदद ली गई। इससे चेतना 30 फीट ऊपर आई। मगर उसे बाहर नहीं निकाला जा सका। वहीं अब बोरवेल से 11 फीट की दूरी पर सुरंग खोदी जा रही है, जिसका काम लगभग पूरा होने वाला है। ऐसे में उम्मीद है कि अब चेतना बोरवेल से बाहर निकल जाएगी।

कब-क्या हुआ?

23 दिसंबर की दोपहर 1:30 बजे के आसपास चेतना खेलते हुए बोरवेल में गिरी थी। रात 9:30 बजे रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंची। सुबह 9:30 बजे हुक फंसाकर चेतना को 15 फीट ऊपर खींचा गया। फिर हरियाणा से पाइलिंग मशीन आई, लेकिन 40 फीट की खुदाई के बाद मशीन बंद पड़ गई। फिर रैट माइनर्स को बुलाया गया। 170 फीट का गड्ढा खोदा गया, मगर बारिश के कारण ऑपरेशन रोकना पड़ गया। वहीं 28 दिसंबर को दोबारा रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ। मगर चेतना अभी तक बाहर नहीं निकली।

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