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कोटा में दो दोस्तों के बीच मुकाबला, मुस्लिम-मीणा तय करेंगे कि बिरला लगाएंगे हैट्रिक या गुंजल मार लेंगे मैदान

Rajasthan Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण में राजस्थान की कोटा-बूंदी सीट पर भी वोटिंग होगी। यहां कांग्रेस के प्रहलाद गुंजल और भाजपा के ओम बिरला के बीच मुकाबला है। कहा जाता है कि दोनों ने राजनीति की शुरुआत साथ में की थी। ऐसे में इस बार यहां मुकाबला काफी रोचक रहने वाला है।
10:14 AM Apr 25, 2024 IST | Rakesh Choudhary
कोटा में दो दोस्तों के बीच मुकाबला  मुस्लिम मीणा तय करेंगे कि बिरला लगाएंगे हैट्रिक या गुंजल मार लेंगे मैदान
कोटा में ओम बिरला और प्रहलाद गुंजल के बीच मुकाबला

Rajasthan Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर दूसरे चरण के तहत राजस्थान में 13 सीटों पर 26 अप्रैल को वोटिंग होगी। इसमें कोटा-बूंदी सीट भी शामिल हैं। इस सीट से भाजपा ने ओम बिरला को प्रत्याशी बनाया है तो वहीं कांग्रेस ने भाजपा से आए प्रहलाद गुंजल को मैदान में उतारा है। गुंजल 2023 का विधानसभा चुनाव भाजपा के टिकट पर लड़ चुके हैं। गुंजल के कांग्रेस में जाने से बिरला की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

ओम बिरला के लिए कोटा सीट पर इस बार मुश्किलें बढ़ गई है। वे 2014 और 2019 में इस सीट से जीत चुके हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी कोटा में रैली की है। गुंजल की दावेदारी से पहले इस सीट पर भाजपा एकतरफा जीत रही थी लेकिन अब मुकाबला बराबरी पर आ गया है। प्रचार के दौरान जहां ओम बिरला राम मंदिर, धारा 370, सीएए और मोदी सरकार की तमाम सरकारी योजनाओं के फायदें गिनाकर वोट मांग रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर गुंजल उन्हें एयरपोर्ट और वादाखिलाफी को लेकर लगातार घेर रहे हैं।

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दोनों कार्यकर्ताओं में प्रचलित

सरल, सहल और सौम्य स्वभाव के ओम बिरला अपने कार्यकर्ताओं से मिलनसार होने के कारण जाने जाते हैं। वे पहली बार मिलने आए किसी कार्यकर्ता से भी ऐसे ही मिलते हैं जैसे कोई बरसों पुराना साथी मिल गया हो। तो वहीं दूसरी ओर गुंजल के बारे में कहा जाता है कि वे अपने कार्यकर्ताओं के लिए हरदम तैयार रहते हैं और किसी से भी भिड़ सकते हैं। कोटा में बहुत लंबे समय बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कोई ऐसा नेता मिला है जो उनके लिए खड़ा है। ऐसे में गुंजल कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम रहे हैं।

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शहरी वोटर्स बिरला को, तो ग्रामीण गुंजल के पक्ष में

कांग्रेस के प्रहलाद गुंजल जुमला एयरलाइंस चला रहे हैं। उनके प्रचार का ये रोचक तरीका सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। बता दें कि शिक्षा नगरी में हर साल लाखों बच्चे मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए आते हैं। ऐसे में यहां अगर एयरपोर्ट बनता है तो शहर के विकास को पंख लग जाएंगे। ऐसे में कांग्रेस ओम बिरला के वादों को जुमला एयरलाइंस बताकर वोट मांग रही है।

संघ की सक्रियता के कारण शहरी वोटर ओम बिरला के पक्ष में खड़ा है लेकिन गांवों में भाजपा को परेशानी हो रही है। यहां कांग्रेस के गुंजल उनको कड़ी चुनौती दे रहे हैं। कोटा उत्तर और दक्षिण सीट से भाजपा को बढ़त मिल सकती है क्योंकि ये शहरी सीटें हैं। कोटा की सांगोद और रामगंजमंडी भाजपा के कब्जे में है। वहीं बूंदी और केशोरायपाटन सीट पर भाजपा को बढ़त मिली थी। ऐसे में इस बार भी भाजपा को बढ़त की उम्मीद है। हालांकि रामगंज मंडी से गुंजल स्वयं दो बार विधायक रह चुके हैं।

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जानें क्या है जातीय समीकरण

कोटा-बूंदी सीट पर मुस्लिम वोटर्स की सबसे अधिक तादाद में हैं। यहां 2.5 लाख से अधिक मुस्लिम वोटर्स, सवा 2 लाख मीणा वोटर्स, 2 लाख से ज्यादा ब्राह्मण वोटर्स हैं। वहीं गुर्जर मतदाता भी 1.9 लाख के करीब हैं। गुर्जर वोट भाजपा का कोर वोट बैंक है लेकिन गुंजर के उतरने से उसमें बंटवारा तय है। वहीं मुस्लिम वोटर्स परंपरागत रूप से कांग्रेस के साथ जाते हैं। हालांकि मीणा भाजपा को समर्थन करते आए हैं। सवर्ण के वोट तो भाजपा को मिलते रहे हैं। ओम बिरला को ओबीसी के 4 लाख वोटर्स और एससी वोटर्स सहारा दे सकते हैं।

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