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राजस्थान की इस सीट पर राजघरानों का प्रभाव, क्या है राजसमंद का चुनावी समीकरण

Rajsamand Lok Sabha Seat : देश में लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज गया है। राजनीतिक दलों ने ज्यादातर सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं। राजस्थान की हाई प्रोफाइल सीट राजसमंद पर राजघरानों का कब्जा रहा है। आइए जानते हैं कि राजसमंद सीट का क्या है चुनावी समीकरण।
07:30 AM Mar 31, 2024 IST | Deepak Pandey
राजस्थान की इस सीट पर राजघरानों का प्रभाव  क्या है राजसमंद का चुनावी समीकरण
क्या है राजस्थान की राजसमंद सीट का चुनावी समीकरण।

Rajsamand Lok Sabha Seat (केजे श्रीवत्सन) : राजस्थान की सबसे हाई प्रोफाइल सीट में शुमार राजसमंद से पिछली बार दीया कुमारी चुनाव जीतकर संसद पहुंची थीं। यह एक ऐसी सीट है, जहां राजघराने का प्रभाव सबसे ज्यादा नजर आता है। भाजपा ने पिछले चुनाव 2019 में जयपुर राजघराने की दीया कुमारी को राजसमंद से टिकट दिया था। उनके विधानसभा चुनाव जीतकर उपमुख्यमंत्री बनने के बाद इस बार पार्टी ने मेवाड़ के पूर्व राजघराने पर विश्वास जताया है।

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सीट का इतिहास

राजसमंद लोकसभा सीट बनने के बाद यहां पर चौथी बार चुनाव होने वाला है। साल 2008 के परिसीमन में यह सीट अस्तित्व में आई थी और उसके बाद अगले ही साल साल 2009 में यहां पहला चुनाव हुआ था, तब कांग्रेस के गोपाल सिंह शेखावत चुनाव जीते थे। उसके बाद से लगातार दो बार बीजेपी के खाते में यह सीट रही। साल 2014 में हरिओम सिंह राठौड़ और फिर साल 2019 में जयपुर के पूर्व राजघराने की दीया कुमारी सांसद चुनी गईं।

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सभी विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा

इस लोकसभा क्षेत्र में राजसमंद जिले की चार विधानसभा सीटें नाथद्वारा, राजसमंद, कुंभलगढ़ और भीम आती हैं, जबकि बाकी चार विधानसभा सीटें पाली की जैतारन, नागौर की मेडता, डेगाना और अजमेर जिले की ब्यावर शामिल हैं। कांग्रेस के लिए चिंता की सबसे बड़ी वजह यह भी है कि यहां की सभी 8 विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है।

जानें कौन हैं भाजपा प्रत्याशी

बीजेपी ने यहां से मेवाड़ राजघराने की महिमा कुमारी मेवाड़ को टिकट दिया है। वे पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुई थी। इसके बाद उन्होंने ग्वालियर और फिर दिल्ली के कॉलेज शिक्षा लेडी श्रीराम कॉलेज में शिक्षा ग्रहण की। उनके पति महाराणा प्रताप के वंशज विश्वराज सिंह मेवाड़ पहली बार नाथद्वारा से कांग्रेस के सीपी जोशी को हराकर विधानसभा पहुंचे हैं। अब उनकी पत्नी महिमा लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। हालांकि, यहां राजपूत समाज का बड़ा प्रभाव है और मेवाड़ से लगता इलाका भी है तो भले ही महिमा यहां के लोगों के लिए नई हैं, लेकिन स्थानीय लोगों में आज भी उनके परिवार के लिए सम्मान बरकार है। वे नाथद्वारा में अपने पति के लिए जमकर चुनाव प्रचार कर चुकी हैं। ऐसे में वहां का राजनीतिक अनुभव उनके कुछ काम आ सकता है।

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कौन हैं कांग्रेस प्रत्याशी दामोदर गुर्जर

दामोदर गुर्जर आरपीएस अधिकारी रह चुके हैं। वे मूलरूप से सवाईमाधोपुर के निवासी हैं। वे वर्तमान में जयपुर में देव मेडिकल कॉलेज एंड एजुकेशन ग्रुप के अध्यक्ष हैं। वे कांग्रेस के टिकट पर राजसमंद सीट से चुनाव लड़ने वाले हैं। हालांकि, कांग्रेस ने पहले उन्हें भीलवाड़ा से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन सुदर्शन रावत ने टिकट लौटा दिया। इसके बाद पार्टी ने दामोदर गुर्जर को राजसमंद से चुनावी मैदान में उतारने का ऐलान किया।

बीजेपी का राजघराने पर भरोसा

पहले जयपुर की पूर्व राजघराने की दीया कुमारी और अब उसी सीट पर मेवाड़ के पूर्व राजघराने से महिमा। यूं तो महिमा पश्चिम बंगाल के पंचकोट पूर्व राजघराने से ताल्लुक रखती हैं, लेकिन उनका बचपन वाराणसी में बीता है। महिमा के मामा मध्य प्रदेश की सतना सीट से सांसद रह चुके हैं। ममेरे भाई वर्तमान में एमपी की एक सीट से विधायक हैं और चाची टिहरी-गढ़वाल से सांसद हैं। कहा जा रहा है कि पीएम मोदी पहले ही उनके पति विश्वराज सिंह और महिमा के नाम पर मुहर लगा चुके थे।

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राजसमंद का क्या है चुनावी समीकरण

राजसमंद सामान्य कोटे की सीट है। इस लोकसभा क्षेत्र में करीब 19 लाख वोटर हैं, जिनमें करीब दो लाख से ज्यादा रावत, पौने दो लाख जाट, पौने दो लाख राजपूत, सवा लाख ब्राह्मण, ढाई लाख के करीब एससी-एसटी, करीब एक लाख महाजन, एक लाख मुस्लिम, 57 हजार कुमावत, 55 हजार गुर्जर, 60 हजार खरबड़, 29 हजार काठात के अलावा चार लाख अन्य मतदाता भी हैं। यहां का 82.4 फीसदी इलाका ग्रामीण वोटरों वाला है। पिछले चुनाव में 71 फीसदी मतदाताओं ने अपने मत का इस्तेमाल किया था।

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क्या हैं चुनावी मुद्दे

राजसमंद पर्यटन स्थल के साथ-साथ संगमरमर के पत्थर की प्रसिद्ध मंडी के रूप में जाना जाता है। यहां कृषि भी बड़ा व्यवसाय है। ज्यादातर भूभाग खनिज संसाधनों से समृद्ध होने के कारण अंधाधुंध दोहन को रोकना भी यहां के लोगों की बड़ी मांग है। यहां संगमरमर और ग्रेनाइट का खजाना है, लेकिन उसके लिए वसूली से यहां के व्यापारी परेशान हैं। जस्ता, चांदी, मैंगनीज आदि अयस्क भी यहां पायी जाती है।

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