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जून में कब खत्म होगा अपरा एकादशी का व्रत, जानें पारण करने की शुभ तिथि

Apara Ekadashi 2024: अपरा एकादशी को लेकर लोगों के मन में कन्फ्यूजन बना हुआ है। पंचांग के अनुसार, इस बार दो दिन अपरा एकादशी का व्रत रखा जाएगा। तो आज इस खबर में जानेंगे कि अपरा एकादशी कब है, पारण की शुभ तिथि क्या है और पूजा विधि क्या है।
09:20 AM May 30, 2024 IST | Raghvendra Tiwari
जून में कब खत्म होगा अपरा एकादशी का व्रत  जानें पारण करने की शुभ तिथि

Apara Ekadashi 2024: इस बार अपरा एकादशी को लेकर लोगों के मन में कन्फ्यूजन हो रही है कि आखिर अपरा एकादशी कब है 2 जून को या 3 जून को। अगर आपके भी मन में अपरा एकादशी की डेट और पारण मुहूर्त को लेकर कन्फ्यूजन बन रहा है तो आज इस खबर में जानेंगे कि ज्येष्ठ माह में अपरा एकादशी कब मनाई जाएगी और पारण का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा। साथ ही अपरा एकादशी की पूजा विधि क्या रहेगी।

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अपरा एकादशी इस बार दो दिन यानी 2 जून और 3 जून को मनाई जाएगी। बता दें कि अपरा एकादशी की तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। मान्यता है कि जब इस दिन जो लोग सच्चे मन से व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करते हैं, उन्हें भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही सभी रोग-दुख से मुक्ति मिल जाती है।

अपरा एकादशी मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, साल 2024 में अपरा एकादशी दो दिन मनाई जाएगी। अपरा एकादशी की शुरुआत 2 जून को सुबह 5 बजकर 04 मिनट से हो रही है और समाप्ति अगले दिन 3 जून को सुबह 2 बजकर 41 मिनट पर होगी। ज्योतिषियों के अनुसार, 2 जून को गृहस्थ लोग अपरा एकादशी का व्रत रखेंगे। वहीं 3 जून को वैष्णव धर्म को मानने वाले लोग अपरा एकादशी का व्रत रखेंगे।

अपरा एकादशी का पारण मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, अपरा एकादशी व्रत का पारण की शुभ तिथि 3 जून को सुबह के 08 बजकर 05 मिनट से लेकर 08 बजकर 10 मिनट तक है। इस शुभ मुहूर्त में आप पारण कर सकते हैं। साथ ही दान-पुण्य भी कर सकते हैं। मान्यता है कि इस दिन दान पुण्य करने से व्रत का दोगुना फल मिलता है। साथ ही भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।

अपरा एकादशी पूजा विधि

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अपरा एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान-ध्यान करें। उसके बाद घर के मंदिर की साफ-सफाई अच्छे से करें। उसके बाद भगवान विष्णु को जल से अभिषेक करें। जल से अभिषेक करने के बाद पंचामृत से स्नान करें। साथ ही पीला चंदन, पीले फूल और पीले रंग की मिठाई भी अर्पित करें। उसके बाद घी का दीपक जलाएं। साथ ही भगवान विष्णु को याद करके अपरा एकादशी की व्रत कथा का पाठ करें। पूजा खत्म होने के बाद भगवान विष्णु से क्षमा याचना करें। साथ ही सभी लोगों में प्रसाद वितरण करें। यदि आप विधि-विधान से पूजा करते हैं तो भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिल सकता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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