Baglamukhi Jayanti 2024: 15 मई को मां बगलामुखी प्रकटोत्सव के दिन शुभ मुहूर्त में करें देवी की आराधना
Baglamukhi Jayanti 2024: सनातन धर्म में देवी बगलामुखी की पूजा का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो भी भक्त सच्चे मन से मां बगलामुखी की आराधना करता है, उसके जीवन में आ रही सभी परेशानियां देवी हर लेती हैं। इसके अलावा देवी की पूजा खासतौर पर कोर्ट-कचहरी और शत्रुओं से छुटकारा पाने के लिए की जाती है।
चलिए अब जानते हैं हर साल बगलामुखी जयंती कब मनाई जाती है? इसी के साथ हम आपको ये भी बताएंगे कि माता रानी को किन-किन चीजों का भोग लगाना शुभ होता है?
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मां बगलामुखी की पूजा का शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन बगलामुखी जयंती मनाई जाती है। बगलामुखी जयंती को मां बगलामुखी प्रकटोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। इस साल 15 मई 2024 को बगलामुखी जयंती मनाई जाएगी।
बगलामुखी जयंती के दिन देवी की पूजा के दो शुभ मुहूर्त हैं। 15 मई को ब्रह्म मुहूर्त का आरंभ प्रात: काल 04 बजकर 13 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन सुबह 05 बजकर 01 मिनट पर होगा। वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग का आरंभ 14 मई 2024 को दोपहर 01 बजकर 05 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 15 मई को प्रात: काल 05 बजकर 49 मिनट पर होगा। इन दोनों ही शुभ मुहूर्त में आप मां बगलामुखी की उपासना कर सकते हैं।
Divine Darshan of Aadishakti Mata Baglamukhi Devi ji ♥️
Jai mata di ♥️🙏 pic.twitter.com/uBozOc1YFF
— Avnii (@avnii2525) April 8, 2024
मां बगलामुखी को कौन सा रंग अति प्रिय है?
धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां बगलामुखी की पूजा दस महाविद्या के रूप में भी की जाती है। इसी वजह से देश के कई राज्यों में इन्हें बुद्धि की देवी के नाम से जाना जाता है। हालांकि कुछ लोग मां बगलामुखी की पूजा पीताम्बरा देवी के रूप में भी करते हैं। मां बगलामुखी के नाम का अर्थ है, जीभ पर कड़ी पकड़ होना और एक ऐसा व्यक्ति जो कभी भी किसी का भी दिमाग कंट्रोल कर सके।
मां बगलामुखी को पीला रंग अति प्रिय है। बगलामुखी जयंती के दिन मां को पीले रंग के कपड़े, फूल या मिठाई अर्पित करना शुभ होता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।