whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

Bhagawat Geeta: पिछले जन्मों के कर्मों की मिलती है सजा, श्री कृष्ण से जानिए अच्छे लोग हमेशा कष्ट क्यों भोगते हैं?

Bhagawat Geeta: अक्सर देखा जाता है कि जो पूजा-पाठ करता है, उसे दुख सहना पड़ता है। वहीं बुरे कर्म करने वाला आराम की जिंदगी जीता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है? चलिए हम आपको बताते हैं, श्री कृष्ण ने गीता में इसके बारे में क्या कहा है?
07:36 PM Oct 06, 2024 IST | Nishit Mishra
bhagawat geeta  पिछले जन्मों के कर्मों की मिलती है सजा  श्री कृष्ण से जानिए अच्छे लोग हमेशा कष्ट क्यों भोगते हैं

Bhagawat Geeta: एक दिन अर्जुन श्री कृष्ण के पास आए और बोले हे नारायण! मेरे मन में कुछ प्रश्न है, जिसका जवाब आप ही दे सकते हैं। कृपया कर बताइए कि अच्छे लोग हमेशा दुखी क्यों रहते हैं? तब श्री कृष्ण बोले ऐसा नहीं होता, चलो तुम्हें एक कथा के माध्यम से समझाता हूं।

Advertisement

कृष्ण कथा

प्राचीन काल में एक नगर में दो पुरुष रहा करते थे। उसमें एक व्यापारी था और दूसरा व्यक्ति चोरी किया करता था। व्यापारी रोज मंदिर जाता और भगवान की पूजा-अर्चना किया करता। रोज वह गरीबों को भोजन भी करवाता था। दान भी वह व्यापारी खूब किया करता था। वहीं चोर तो मंदिर जाता लेकिन दान के पैसे चुरा कर वापस आ जाता। एक दिन की बात है उस नगर में जोर की बारिश हो रही थी। बारिश की वजह से उस दिन मंदिर में पुजारी के अलावा कोई भी नहीं था। बारिश होता देख, दूसरा व्यक्ति जो चोर था मंदिर पहुंच गया। पुजारी कुछ देर बाद जब कहीं चले गए तो, चोर ने मंदिर का सारा धन चुरा लिया।

व्यापारी पर लगा चोरी का आरोप

बारिश बंद होने के बाद वह व्यापारी भी मंदिर पहुंचा। लेकिन दुर्भाग्य से मंदिर का पुजारी उस व्यापारी को ही चोर समझ बैठा। वह चोर-चोर की आवाज लगाकर शोर मचाने लगा। शोर सुनकर मंदिर के आस-पास के लोग भी मंदिर पहुंच गए। सभी लोग उस भले व्यापारी को ही चोर कहने लगे। यह देख व्यापारी हैरान हो गया। फिर किसी तरह से वह मंदिर से बच निकला। मंदिर से निकलते ही वह व्यापारी एक गाड़ी से टकरा कर घायल हो गया। घर पहुंचकर व्यापारी मन ही मन सोचने लगा, ये मेरे साथ ही क्यों हो रहा है? मैं तो रोज पूजा भी करता हूं, गरीबों को दान भी देता हूं।

Advertisement

कर्मों की सजा

फिर कुछ दिनों के बाद दोनों की मृत्यु हो गई। मृत्यु के बाद दोनों यमराज के पास पहुंचे। अपने सामने दूसरे व्यक्ति को देखकर व्यापारी ने यमराज से पूछा, हे यमदेव ! मैं तो जीवन भर अच्छा कर्म ही करता था। फिर भी मुझे अपमानित होना पड़ा। दान करने के बाद भी मैंने जीवन भर दुख ही झेला। लेकिन यह पापी जीवित रहते हमेशा सुखी ही रहा। तब यमराज ने कहा पुत्र तुम गलत सोच रहे हो। जिस दिन तुम गाड़ी से टकराए थे वही तुम्हारे जीवन का आखिरी दिन था। परन्तु तुम्हारे अच्छे कर्मों के कारण ही तुम उस दिन बच गए। इस पापी व्यक्ति की कुंडली में राजयोग लिखा था लेकिन बुरे कर्मों के कारण यह भोग नहीं पाया। इसके बाद श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा पार्थ अब तुम्हें समझ आ गया होगा कि कोई भी अच्छा कर्म करने वाला व्यक्ति दुखी क्यों दिखता है?

ये भी पढ़ें- Navratri 2024 Special Story: महिषासुर का अंत करने के लिए कैसे हुई माता दुर्गा की उत्पत्ति?

Advertisement

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो