नहीं कर पाते चाहकर भी किसी को इग्नोर? तो बड़ी काम आएगी भगवान बुद्ध की सलाह! जानें अनसुनी कथा
Buddha Purnima 2024 Special Story: भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़ी कई कहानियां व कथाएं प्रचलित हैं, जिन्हें आज भी लोग फॉलो करते हैं। कहां जाता है कि दुनिया के ज्यादातर सफल व्यक्तियों ने भगवान बुद्ध के अनमोल विचारों और कथाओं से प्रेरणा ली है। अगर आप भी जीवन में सफलता हासिल करना चाहते हैं, तो इसके लिए आप भगवान बुद्ध के बताए रास्ते पर चल सकते हैं।
आज हम आपको भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़ी एक ऐसी कथा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे प्रेरणा लेकर आपको बहुत ही जल्दी जीवन में कामयाबी मिल सकती है।
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लोगों को इग्नोर करने का मूलमंत्र
पौराणिक कथा के अनुसार, एक व्यक्ति की आर्थिक स्थिति कुछ खास अच्छी नहीं थी। इस वजह से वह हर समय परेशान रहता था। घर जाते समय उसे एक सज्जन पुरुष मिले। उन्होंने युवक से कहा कि, अगर तुम्हें जीवन में धन कमाना है, तो इसके लिए किसी साधु या ज्ञानी पुरुष की राय लें।
इसके बाद युवक ने मंदिरों के चक्कर काटने शुरू कर दिए। उसे जहां कहीं भी कोई बाबा मिलते, वह उनके द्वारा बताए गए उपायों को करता। बदले में उन्हें अच्छी खासी दान दक्षिणा भी देता। लेकिन समय के साथ उसकी परेशानियां कम होने की जगह बढ़ती ही जा रही थीं। साथ ही उसका धन भी कम हो रहा था।
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One of the most popular pieces in our collection is the serene Buddha statue in the meditation posture.#Lordbuddhawallsticker pic.twitter.com/rTI5jXkVIv— Nat Hill (@hillnat289) May 11, 2024
धीरे-धीरे उसकी सभी जमा पूंजी खत्म होने लगी और वह हर समय उदास रहने लगा। फिर एक दिन उसे घर जाते समय एक ओर बाबा मिले। वह उनके पास गया और उसने अपनी समस्या के बारे में उन्हें बताया। युवक की परेशानी सुनने के बाद बाबा ने उसे कहा कि, अगर तुम्हें अपनी परेशानियों से छुटकारा पाना है। तो इसके लिए तुम्हें परिश्रम करना पड़ेगा क्योंकि कोई भी मंत्र किसी को भी ऐसे नहीं मिलता है। उसके लिए उसे कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।
तब युवक ने कहा मैं केवल अपनी परेशानियों से छुटकारा पाना चाहता हूं। इसके लिए आप जो भी उपाय मुझे बताएंगे, मैं उसे करने के लिए तैयार हूं। आपको जितनी भी दान दक्षिणा चाहिए। मैं आपको बदले में दूंगा, लेकिन पहले आपको मुझे वचन देना होगा कि मुझे मेरी समस्या का हल मिल जाएगा।
इसके बाद बाबा ने उसे कहा कि, जब तुम यहां से अपने घर जाओ तो पूरे समय केवल एक ही बात तुम्हें बार-बार अपने मन में बोलनी है, कि मैं सुखी हूं... मैं सुखी... चाहे कुछ भी हो जाए, तुम्हें अपने मन से इस बात का ध्यान नहीं हटाना है।
युवक ने कहा कि यह तो बहुत आसान है। क्या इससे मेरी समस्या का समाधान मुझे मिल जाएगा, तो बाबा ने कहा तुम एक बार प्रयास करके देखो। बाबा की बात सुनने के बाद युवक वहां से चल पड़ा। लेकिन जैसे ही युवक जाने के लिए मुड़ता, तभी बाबा ने उसे कहा कि बच्चा जब तुम इस मंत्र का जाप करो, तो याद रखना कि तुम्हारे मन में बंदर का ख्याल न आए। तभी यह उपाय सिद्ध होगा।
बाबा की बात सुनने के बाद युवक वहां से चल पड़ा। वह थोड़ी दूर ही गया था कि उसके मन में बंदर का ख्याल आने लगा। बंदर का ख्याल आते ही उसने मंत्र का जाप करना बंद कर दिया और बंदर के बारे में सोचने लगा। थोड़ी देर बाद उसे फिर ख्याल आया कि उसे मंत्र का जाप करना है, तो वह कहने लगा मैं सुखी हूं... मैं सुखी हूं... लेकिन कुछ दूर चलते ही उसे एक बंदर दिखाई दिया। इससे फिर से उसके मन में बंदर का ख्याल आ गया और उसने मंत्र का जाप करना छोड़ दिया।
घर पहुंचने के बाद भी युवक के मन से बंदर का ख्याल नहीं गया। वह पूरी रात बंदर के बारे में सोचता रहा। अगले दिन जल्दी उठकर वह फिर से उसी बाबा के पास जा पहुंचा और उन्हें पूरी बात बताई।
युवक की बात सुनकर बाबा मुस्कुराने लगे और उन्होंने कहा बच्चा यह मन का जाल ही तो है, जिसे तोड़ना आसान नहीं है। बंदर तो तुम्हारे आसपास पहले भी थे, जब तुम यहां पर आए थे। लेकिन उस समय तुमने उन पर ध्यान नहीं दिया। उस समय तुम्हारे दिमाग में केवल सिर्फ एक बात चल रही थी कि, मैं परेशान हूं, मैं गरीब हूं। क्योंकि तुम बार-बार इसी बात के बारे में सोच रहे थे। बाबा ने आगे कहा, जब व्यक्ति एक ही बात के बारे में बार-बार सोचता है, तो वह चीज उसके मन और दिमाग में बैठ जाती है। ऐसे में उस बात से निकल पाना मुश्किल हो जाता है।
इसलिए कहा जाता है कि व्यक्ति जिस चीज से छुटकारा पाना चाहता है। वह उसके मन में बैठ जाती है। अगर आप बार-बार यह कहेंगे कि मैं सुखी हूं... मैं सुखी हूं... तो इससे भी कोई फायदा नहीं होगा। जब तक आप अपने मन को यह बात नहीं समझा देते कि हां वाकई में 'मैं सुखी हूं'।
Happy Vap Poya or Pravarana Purnima!
This full moon day marks to the end of the three-months long rain retreats (Vassa) which observes by Theravada Buddhist monks.This full moon day is also marks to Buddha's preaching of Abhidamma in Tavatimsa and celebrates as Abhidhamma Day pic.twitter.com/d1V3HCX6lC
— Maha Bodhi Society of India (@mbsi1891) October 28, 2023
बाबा की पूरी बात सुनने के बाद युवक ने कहा, बाबा यह मंत्र हमारे मन में कैसे बैठेगा। तो इस पर बाबा ने कहा बच्चा जब तक तुम अपने दुखों के बारे में सोचते रहोगे, तब तक वह तुम्हारे जीवन में आते रहेंगे। जब तुम उन दुखों के बारे में सोचना छोड़ दोगे। उनसे छुटकारा पाने के बारे में बात नहीं करोगे, तो वह तुम्हारे मन में भी नहीं आएंगे। ऐसे करके धीरे-धीरे आपको अपनी उस समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।
इसलिए अगर आप भी अपने दुखों से छुटकारा पाना चाहते हो, तो सबसे पहले उनके बारे में सोचना छोड़ दें। उन्हें इग्नोर करें। अगर आप इस मंत्र का नियमित रूप से पालन करते हैं, तो आप भी जीवन में कुछ बड़ा हासिल कर सकते हैं।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी पौराणिक कथाओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है